नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने डीडीए फ्लैट देने का झांसा देकर ग्राहकों से 400 करोड़ रुपये की ठगी में मुख्य आरोपित हरेंद्र तोमर को कोच्ची एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने फ्लैट देने का झांसा करीब चार हजार लोगों से ठगी कर रखी है। इस मामले में पुलिस ने गत दिनों रियल स्टेट फर्म के तीन अन्य आरोपित सतेंदर मान, प्रदीप शेहरावत तथा सुभाष चंद को गिरफ्तार किया था। जबकि मुख्य आरोपित फरार चल रहा था।
इओडब्ल्यू के जॉइंट कमिश्नर डॉ. ओ. पी. मिश्रा ने बताया कि डीडीए की लैंड पुलिंग योजना के तहत फ्लैट देने के नाम पर ठगी की शिकायत पुलिस को मिली थी। निवेशकों ने पुलिस को बताया कि फ्लैट निर्माण करने वाली कंपनी श्री सिद्धी विनायक सेक्यूरिटी ने 2015 में विज्ञापन दिया था। उसमें दावा किया गया था कि द्वारका में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की लैंड पुलिंग योजना के जरिये अपार्टमेंट का निर्माण कराया जाएगा। इसमें भोले-भाले निवेशक कंपनी के झांसे में आ गए। करीब चार हजार लोगों ने फ्लैट के लिए चार सौ करोड़ रुपये श्री सिद्धी विनायक सेक्यूरिटी नाम की कंपनी में जमा करा दिया। लेकिन निवेशकों को कोई फ्लैट नहीं दिया गया।
बाद में पता चला कि डीडीए ने उक्त कंपनी को फ्लैट निर्माण की कोई अनुमति नहीं दी है। लिहाजा वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की तो आरोप सही पाए गए। जिसके बाद कंपनी के तीन पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि मुख्य आरोपित द्वारका निवासी हरेंद्र तोमर फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में थी। तभी उसके कच्ची एयरपोर्ट पर होने की सूचना मिली।
जिसके बाद पुलिस की टीम ने आरोपित को धर दबोचा। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वे लोगों को एसएमएस और ऑनलाइन विज्ञापन के जरिए डीडीए हाउजिंग स्कीम में निवेश के लिए लोगों को आकर्षित करते थे। खरीदारों से फ्लैटों के लकी ड्रॉ में आवेदन करने के लिए डवलपमेंट चार्ज के रूप में रकम मांगी जाती थी। बाद में आरोपित निवेशकों के रुपये डकार जाते थे।