नई दिल्ली, नगर संवाददाता: पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन प्रवेश शर्मा ने शुक्रवार को पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में कहा कि घर-घर से कूड़ा उठाने का काम निजी एजेंसी को सौंपने से सफाई व्यवस्था बेहतर होगी। साथ ही टिप्पर आदि मशीनरी पर होने वाला निगम का खर्च भी बचेगा। यह काम जिस निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा, वह भारत सरकार के नए नियमों का अनुपालन करेगी और कूड़ा का संग्रहण परिवहन वैज्ञानिक तरीकों से करेगी।
एजेंसी गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाएगी और ढके हुए वाहनों द्वारा इसका परिवहन किया जाएगा। गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी और सूखे कूड़े को प्रसंस्करित कर उप-उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इस व्यवस्था से ढलाव की संख्या में कमी आएगी और कूड़े के ढेर नहीं दिखाई देंगे। निगम की योजना ढलावों की जगह पर वरिष्ठ नागरिकों और किशोरों के लिए पुस्तकालय बनाने की है।
उपमहापौर हरिप्रकाश बहादुर ने कहा कि एजेंसी नवीन मानकों के अनुसार कूड़ा का प्रबंधन करेगी, जिससे पूर्वी दिल्ली की स्वच्छता रैंक में सुधार आने की उम्मीद है और पर्यावरण भी अच्छा होगा। उन्होंने बताया कि टिप्परों द्वारा कूड़ा उठाने की परंपरागत व्यवस्था में निगम के प्रतिमाह करीब 15-16 करोड़ रुपये खर्च होते थे, लेकिन ढलाव पर कूड़े के ढेर में अपेक्षित कमी नहीं हो पाई। साथ ही कूड़ा का परिवहन भी पूर्ण रूप से ढके वाहनों द्वारा नहीं हो पा रहा था। इसके चलते ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। इस नई व्यवस्था लागू करने से निगम को अब करीब 17 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च करने होंगे।