लुधिआना/पंजाब, दविन्दर जैन: स्थानीय आज भारतीय जनता पार्टी के ज़िला अध्यक्ष गौरव खुल्लर ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ नयी दाना मंडी का दौरा किया और वहाँ के हालातों का जायज़ा लिया। इस समय उनके साथ परमजीत सिंह पम्मा, हनी गोयल, कृष्ण कुमार, राजा वर्मा मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान की फ़सल 48 घंटे के अन्दर ख़रीद कर उसको उसका पैसा दे दिया जाएगा। खुल्लर ने कहा कि फ़सल मंडी में ऐसे ही पड़ी है ना तो उसको संभालने को ले के कोई इंतज़ाम किया हुआ है और ना ही बारदाने का। कई किसान पिछले एक हफ़्ते से इंतज़ार कर रहे हैं कि उनकी फ़सल बिक जाए और कई इस इंतज़ार में हैं कि उनको उनकी फ़सल के लिए बारदाना मिल जाये। किसान के साथ साथ आढ़तियों ने भी ज़िलाध्यक्ष खुल्लर को अपनी मुश्किलों के बारे में बताया कि अगर सरकार ने कुछ फ़सल की ख़रीदी भी है तो फ़सल की लिफ़्टिंग नहीं हो रही सिर्फ़ 20प्रतिशत ही लिफ़्टिंग हुई है सारी फ़सल बाहर पड़ी है ऊपर से बारिश की भी संभावना बनी हुई है ऐसे में अगर बारिश होती है तो फ़सल ख़राब होने का डर है और ख़राब माल को अजेंसीयो ने लेने से इंकार कर दिया तो बहुत मुश्किल आ सकती है। उनका पैसा भी मार्केट में फँस सकता है। खुल्लर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वो प्रशासन से इस बारे में बात करेंगे और उनकी मुश्किलों को दूर करवाएँगे। खुल्लर ने कहा कि राज्य सरकार कुंभकर्ण की नींद सोयी हुई है उसे ना तो ग़रीब की चिंता है और न ही किसान की उन्होंने कहा कि कोंग्रेस के कई बड़े लीडर एवं स्वयं इलाक़े की विधायक श्रीमती मानुके भी आढ़तियों एवं किसानों की मुश्किलों का हल करवाने में नाकामयाब रहीं हैं। उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से अपील की कि जल्दी से उनकी इन मुश्किलों का समाधान करें ताकि किसान और ग़रीब को उनका हक़ मिल सके। इस सारी बात के बारे में हमारी मीडिया टीम ने जब मार्किट कमेटी के सेक्रेटरी का फ़ोन मिलाया तो आगे की तरह उन्होंने ने फ़ोन नही उठाया। उसके बाद ए एफ एसो बेअंत सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि वह छुटी पे है निजी कारण के लिए फिर बाद में पण ग्रेन के इंस्पेक्टर जसपाल ने भी फ़ोन उठाना जरूरी नही समझा क्या बनेगा पंजाब सरकार के इन ईमानदार होनहार ऑफिसर का जो सारा दिन इतना बेअस्त रहते है। फिर भी लोग इनसे पेरशान है इनकी ड्यूटी के कारण एक तो लोग कोरोना के कारण परेशान ऊपर से मंडियों में माल नही उठाया जा रहा। ना मंडी में कोई पीने के पानी का प्रबन्द है। मंडी में काम करने वालो का ओर किसानों का कहना है। की एशिया की दूसरे न कि मंडी हो ओर काम इतना ढीला जैसे कछुए की चाल कब माल से फ्री होंगे और घर जायगे। इस मौके संजय, सोनू, जोगिंदर चौहान, अमन जिंदल, सुरजीत सिंह, काला, और मंडी के कई किसान और आढती मौजूद थे।