महाराष्ट्र/नगर संवाददाता : महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अब आखिरी दौर के दांवपेच की लड़ाई शुरु हो गई है। 9 नवंबर से पहले नई सरकार बनाने के डेडलाइन को देखते हुए अब अंतिम दौर की सियासी रस्साकशी तेज हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और वित्तमंत्री सुधीर मुंगतीवार राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात कर रहे हैं। मुलाकात में भाजपा नेता राज्य में मौजूदा सियासी संकट औऱ पार्टी के आगे की रणनीति से राज्यपाल को अवगत कराएंगे।
इस बीच बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने पहले से तय सभी कार्यक्रम निरस्त कर नागपुर जा रहे हैं और शाम को नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर सरकार के गठन को लेकर बने गतिरोध को सुलझाने की कोशिश करेंगे। इस बीच खबर यह भी है कि भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए नितिन गडकरी का नाम आगे कर शिवसेना को मनाने की कोशिश कर सकती है इसलिए अब एक बार फिर सबकी निगाहें नागपुर की ओर लग गई हैं।
सरकार गठन में केवल 48 घंटे का समय बचने के बाद अब सूबे में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। ऐसे में इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि भाजपा राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। महाराष्ट्र के सियासत के जानकार बताते हैं कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार के गठन को लेकर माथापच्ची होना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार गठबंधन में चुनाव लड़ी शिवसेना और भाजपा के बीच जिस तरह मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान मची हुई है उसमें अब कोई भी दल पहले झुकने को तैयार नहीं है।
शिवसेना का ही होगा मुख्यमंत्री: महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर आरपार की लड़ाई आखिरी दौर में भी जारी है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने फिर साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही बनेगा। संजय राउत ने शिवसेना विधायक दल में टूट की खबरों को खारिज करते हुए कहा, शिवेसना के विधायक पूरी तरह एकजुट हैं।
राउत ने कहा कि ऐसी अफवाह उड़ाने वाले अपने विधायकों के बारे में चिंता करें। वहीं आज पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने पार्टी विधायक दल की एक बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी की अगली रणनीति और मौजूदा सियासी हालातों पर चर्चा होगी।