मुंबई/नगर संवाददाता : राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने गुरुवार को परली विधानसभा सीट से अपनी चचेरी बहन और महाराष्ट्र भाजपा मंत्री पंकजा मुंडे के खिलाफ अपराजेय बढ़त हासिल करने पर कहा कि वे खुश भी हैं और दुखी भी। उन्होंने अपनी अभूतपूर्व जीत के लिए लोगों का भी आभार जताया, वहीं पंकजा मुंडे ने अपनी हार को अनपेक्षित और उम्मीदों से परे बताया लेकिन साथ ही कहा कि वे विनम्रता से जनादेश को स्वीकार करती हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा अभी तक मिले रुझानों के अनुसार राकांपा नेता ने भाजपा की अपनी प्रतिद्वंद्वी के 91,413 मतों के मुकाबले 1.22 लाख मत हासिल किए हैं।
इस मौके पर भावुक दिखे धनंजय मुंडे ने कहा कि परली के लोगों ने मुझे अभूतपूर्व जीत दी है। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। स्वर्गीय अन्ना (अपने पिता का जिक्र करते हुए) मुझे जीतते हुए देखना चाहते थे। मैं उन्हें कैसे बताऊं कि उनका बेटा जीत गया है और वो भी परली में।
राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने कहा कि उन्होंने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था लेकिन किसी का नाम लिए बगैर कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने गंदी राजनीति की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा प्रमुख अमित शाह और छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले के उनके खिलाफ प्रचार करने के बावजूद परली के लोगों ने उनका समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं। लेकिन परिवार में बड़ा होने के नाते कहीं न कहीं मैं दुखी भी हूं। चाहे वे मुझे परिवार का हिस्सा मानें या नहीं, लेकिन खून के रिश्ते कभी नहीं टूटते। मुझे दुख है कि परिवार में किसी की हार हुई है। राकांपा नेता ने यह भी कहा कि वे अगले 5 वर्षों में लोगों से किए विकास से संबंधित सभी वादों को पूरा करेंगे।
इस बीच अपनी हार पर प्रतिक्रिया देते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं विनम्रता से जनादेश स्वीकार करती हूं। इस परिणाम की उम्मीद ही नहीं की थी। पिछले 5 वर्षों में किए विकास कार्यों और लोगों से मिली प्रतिक्रिया को देखते हुए मैंने ऐसे नतीजे की आशा नहीं की थी।
देवेंद्र फड़णवीस सरकार में मंत्री रही भाजपा नेता ने कहा कि वे अपनी हार के पीछे की वजहों का विश्लेषण करेंगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के लिए मैंने प्रचार किया वे जीत की राह पर हैं लेकिन शायद मैं अपनी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई।