नई दिल्ली/नगर संवाददाता : कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई ने रविवार को कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में सात दोषियों में से किसी की भी रिहाई के कदम का कड़ा विरोध करेगी।
तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरी ने कहा, तमिलनाडु की जेलों में दोषियों समेत कई कैदी हैं लेकिन राजीव के हत्यारों को ही रिहा करने की मांग क्यों की जाती है?
उन्होंने कहा कि दोषियों को रिहा करने का कोई भी फैसला एक ‘खराब उदाहरण’ पेश करेगा और तमिलनाडु में सामाजिक व्यवस्था तथा शांति को काफी भंग करेगा।
अलागिरी हाल ही में हुई एक बैठक पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें राजग के सहयोगी दल पीएमके के संस्थापक अध्यक्ष एस रामदास और उनके बेटे तथा राज्यसभा सदस्य आर अंबुमणि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।
न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप की कोशिशों पर सवाल उठाते हुए अलागिरी ने कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत इस मामले पर फैसला करेगी।
राजीव गांधी की चेन्नई के समीप श्रीपेरुम्बदुर में चुनावी सभा के दौरान प्रतिबंधित लिट्टे के आत्मघाती हमलावर ने 21 मई 1991 को हत्या कर दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे ज्ञापन में रामदास ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल तमिलनाडु सरकार को 7 दोषियों मुरुगन, संथन, पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन, जयकुमार और नलिनी की रिहाई पर फैसला देने की अनुमति दी थी।
पीएमके ने कहा था कि राजीव गांधी की पत्नी सोनिया और बेटे राहुल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इन 7 तमिलों की रिहाई पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।