मंदसौर/नगर संवाददाता : मंदसौर जिले के नोगांवा गांव के लोग आज भी बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। एक तरफ कुदरत का कहर, तो दूसरी तरफ सरकार की अनदेखी से लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सहन करने की इंतेहां तब हो गई, जब गांव वालों को अंतिम यात्रा भी पानी में तैरकर निकालनी पड़ी।
दरअसल, गांव की बुजुर्ग महिला सगीबाई के निधन के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। काफी घंटों तक ग्रामीण परेशान होते रहे फिर अंतत: जान जोखिम में डालकर अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट तक गए। यह देखा जा सकता है कि किस तरह ग्रामीण अंतिम यात्रा के दौरान ही अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे।
विधायक से कई बार लगाई गुहार: नोगांवा गांव के लोग लंबे समय से पुलिया और सड़क की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर वे कई बार विधायक यशपालसिंह सिसोदिया से गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई।
प्रशासन भी आश्वासन देता रहा: आज शनिवार को निकली अंतिम यात्रा के दौरान ग्रामीणों की पीड़ा समझी जा सकती है। गांव वालों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि वोट मांगने तो आ जाते हैं, पर मुश्किल घड़ी में कोई पूछने नहीं आता। प्रशासन भी आश्वासन देकर चला जाता है।
कोई नेता सामने नहीं आया: एक तरफ जहां क्षेत्र में भारी बारिश के चलते सिसायत जोरों पर है और रोज ही किसी न किसी नेता का आना-जाना है, वहीं आज शनिवार को श्मशान घाट जाने के लिए कोई नेता सामने नहीं आया। आज की अंतिम यात्रा का यह दृश्य सरकार के रवैए की पोल खोल रहा है।
मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा की यह बात उनकी जानकारी में आई है और जल्द ही इस समस्या का निराकरण किया जाएगा।