भोपाल/नगर संवाददाता : मध्य प्रदेश में हनीट्रैप के जरिए राजनेता और प्रशासनिक अफसरों को अपने जाल में फंसाने वाली हसीना गैंग और उनके सहयोगियों के खिलाफ अब शिकंजा कसता जा रहा है।
पुलिस रिमांड में आरोपी लड़की को लेकर इंदौर पुलिस की एक टीम सोमवार शाम को भोपाल पुहंची और उन स्थानों पर लेकर गई जहां से उसके तार जुड़े हुए थे। पुलिस की टीम आरोपी के कॉलेज और उसके अयोध्या नगर स्थित सागर एनेक्लव स्थित घर पहुंची।
इंदौर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते वक्त भोपाल की जिस सबसे कम उम्र की लड़की को गिरफ्तार किया था वह अब पुलिस की जांच में सबसे अहम कड़ी बन गई है। पुलिस रिमांड पर आरोपी लड़की को लेकर इंदौर पुलिस की एक टीम ने मामले से जुड़े कई साक्ष्य एकत्र करने के लिए भोपाल में कई स्थानों पर जांच की।
पुलिस जांच के दौरान आरोपी के चेहरे पर अपने किए का पछतावा साफ तौर पर देखने को मिला और पूरी जांच के दौरान वह फूट-फूटकर रोती नजर आई, वहीं मीडिया के सवाल पर बचती नजर आई। इससे पहले रविवार को इंदौर में पुलिस रिमांड बढ़ने पर भी आरोपी की तबियत बिगड़ गई थी। पुलिस सब आरोपी लड़की को लेकर कॉलोनी में पहुंची तो वहां लोगों की भीड़ लग गई।
कॉलोनी के लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि आरोपी लड़की हनीट्रैप करने वाले इतने बड़े गैंग की सदस्य थी। पुलिस से जुड़े सूत्र बताते है कि इस हाईप्रोफाइल इलाकों में पुलिस फूंक.फूंक कर कदम रही है। पुलिस ने इस मामले में तथ्यों को जुटाने के लिए आरोपी को मौके पर लाकर स्पॉट वेरिफेकिशन कराया है।
वहीं इंदौर पुलिस से जुड़े सूत्र बताते है कि आने वाले समय पुलिस इस मामले में आने वाले समय और शिकंजा कसने की तैयारी में है। पूरे मामले में पुलिस भोपाल की आरोपी लड़की को अहम कड़ी बनाते उसके उम्र को लेकर भी जांच कर रही है।
पुलिस एफआईआर में आरोपी लड़की की उम्र 18 साल दर्ज है तो जिस निगम के अधिकारी की शिकायत पर पूरा मामला दर्ज हुआ है उसने अपने बयान में दो साल से संपर्क में होने की बात कही है। ऐसे ने पुलिस आरोपी की उम्र का वेरिफिकेशन कर इस मामले में पॉस्को एक्ट के तहत भी मामला दर्ज कर सकती है।
वहीं सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के बढ़ते दायर को देते हुए पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है। पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले की जांच के लिए सीआईडी आईजी श्रीनिवास वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है।
हनीट्रैप के इस सनसनीखेज खुलासे की जांच अब तक इंदौर पुलिस कर रही थी। इंदौर के पलासिया थाने में निगम अधिकारी ने इस मामले को लेकर शिकायत की थी। वहीं इस पूरे मामले को लेकर शिकायतकर्ता निगम अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।