अमिताभ बच्चन को स्कूल में जेब खर्च 2 रुपए महीने मिलता था और छुपकर खाने जाते थे पकौड़े

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मुंबई/नगर संवाददाता: मुंबई। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि बॉलीवुड में सदी के महानायक का रुतबा रखने वाले अमिताभ बच्चन को स्कूली दिनों में उनके पिता से जेब खर्च के रूप में सिर्फ 2 रुपए महीने मिलते थे और वे गुपचुप तरीके से स्कूल से गायब होकर पकौड़े खाने जाया करते थे। खुद अमिताभ ने यह किस्सा ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की सीट से पूरे देश के साथ शेयर किया।
श्सोनीश् टीवी चैनल पर आने वाले लोकप्रिय कार्यक्रम केबीसी के मंगलवार को प्रसारित हुए एपिसोड में खुद अमिताभ ने ऐसी कई बातें शेयर कीं जिसे देख और सुनकर दर्शक दंग रह गए। अमिताभ ने बताया कि नै‍नीताल के बोर्डिंग स्कूल में मेरी शिक्षा हुई। यह स्कूल पहाड़ी पर स्थित था और अच्छे खाने-पीने की दुकानें दूर हुआ करती थीं।

मेस में नहीं मिलता था अच्छा खाना: अमिताब बच्चन ने कहा कि किसी भी छात्र को स्कूल से बाहर जाने की छूट नहीं थी, लेकिन हम ये दुस्साहस करने से नहीं चूकते थे। चूंकि मेस में खाना अच्छा नहीं मिलता था, लिहाजा स्कूल के बाहर पास में एक पकौड़े वाली की दुकान हुआ करती थी। उस जमाने में पिताजी जो 2 रुपए महीने का जेब खर्च देते थे, उसमें से कुछ आने में ही स्वादिष्ट पकौड़े मिल जाया करते थे। खूब मजे से खाते थे वो पकौड़े
ऐसे हुआ जेब खर्च का खुलासा: दरअसल, 2 रुपए महीने मिलने वाले जेबखर्च का खुलासा अमिताभ ने इसलिए किया, क्योंकि उनके ठीक सामने हॉट सीट पर बैठे धमापुर (जबलपुर) के नितिन पटवा ने बातों ही बातों में बताया कि उन्हें घर से रोज जेबखर्च के लिए 50 रुपए मिलते हैं।

जबलपुर से इंजीनिरिंग में बीई करने के बाद नितिन को पसंदीदा जॉब नहीं मिला तो वे एक स्टोर पर काम करने लगे। केबीसी में उन्होंने 10 प्रश्नों के सही उत्तर दिए लेकिन 11वें प्रश्न का गलत जवाब देने से वे 3 लाख 20 हजार रुपए ही जीत सके।

हेमंत गोयल ने अमिताभ को प्रभावित किया: धुले (महाराष्ट्र) से आए 24 साल के हेमंत गोयल बतौर अकाउंटेंट का जॉब करते हैं। जब हॉट सीट पर वे बैठे और प्रश्नों के बीच में पारिवारिक बातें साझा हुईं तो इन बातों से खुद अमिताभ बच्चन काफी प्रभावित हुए। खासकर उस बात पर पर कि श्हमारे साथ दादी नहीं रहती बल्कि हम दादी के साथ रहते हैं।’

कई किसानों के कर्ज चुकाए अमिताभ ने । केबीसी में महाराष्ट्र के किसानों की बातें निकली कि किस तरह बैंकों के कुछ हजार कर्ज के न चुका पाने के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं अमिताभ ने कहा कि कई साल पहले मैं महाराष्ट्र गया, जहां सूखे के कारण किसान आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहे थे। कर्जा भी कितना था। 10 हजार 20 हजार रुपए फिर मैंने 50 किसानों का कर्ज चुकाया। अगली बार गया तो 1,300 किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाई।

उत्तरप्रदेश और बिहार के किसानों के मसीहा बने अमिताभ: सीनियर बच्चन ने बताया कि महाराष्ट्र के अलावा उत्तरप्रदेश के 300 या 500 किसानों के अलावा मैंने बिहार के 1 हजार से ज्यादा किसानों को कर्ज से मुक्त कियां। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं बताना चाहता कि मैंने कोई बहुत महान काम किया है बल्कि मेरा देश के उन 10-20 संपन्न लोगों से अनुरोध है कि यदि वे भी कर्ज के बोझ तले डूबे किसानों की मदद करेंगे तो हमारा देश कितना खुशहाल हो जाएगा।

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