दिल्ली/नगर संवददाता : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और क्षेत्र में मीडिया के काम करने पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को कानूनी चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एसए नजीर की विशेष पीठ, वकील एमएल शर्मा और कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
शर्मा ने जहां अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है वहीं अनुराधा भसीन ने अपनी याचिका में पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट एवं लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को बहाल करने के निर्देश देने की मांग की है ताकि मीडिया अपना काम कर सके। शर्मा ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के फैसले के एक दिन बाद 6 अगस्त को याचिका दायर की थी।
शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति का आदेश गैरकानूनी है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर विधानसभा की सहमति के बिना जारी किया गया।
10 अगस्त को दायर अलग याचिका में भसीन ने कहा कि वेकश्मीर और जम्मू के कुछ जिलों में पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों की आवाजाही पर लगी सभी पाबंदियों को तत्काल हटाने के संबंध में केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन के लिए निर्देश चाहती हैं।
प्रतिबंधों पर हस्तक्षेप करने से किया था इंकार : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रतिबंधों पर हस्तक्षेप करने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि संवेदनशील स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए और सुनवाई दो हफ्तों के बाद तय की थी।
नेशनल कॉन्फेंस की याचिका : जम्मू कश्मीर की मुख्य राजनीतिक पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में किए गए बदलावों को कानूनी चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है।
पार्टी का तर्क है कि इन बदलावों ने जनादेश के बिना वहां के नागरिकों से उनके अधिकार ले लिए। याचिका लोकसभा सदस्य मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने दायर की है। दोनों नेशनल कॉन्फ्रेंस के हैं।