दिल्ली/नगर, संवददाता : नई दिल्ली। लोकसभा में पारित होने के बाद मोदी सरकार ने 3 तलाक बिल राज्यसभा में पेश कर दिया। इस बिल पर चर्चा के लिए 4 घंटे का समय निर्धारित किया है। जनता दल यू ने राज्यसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पर बहिर्गमन किया और कहा कि यह उनकी मान्यताओं के खिलाफ है। जनता दल यू के वशिष्ठ नारायण सिंह ने सदन में विधेयक की चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी, महात्मा फूले, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया की मान्यताओं और सिद्धांतों पर चलती है। उनकी पार्टी समाज के समग्र विकास पर भरोसा करती है।
.कांग्रेस की अमी याज्ञिक ने कहा कि हम बिल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तलाक सिर्फ एक कौम का मामला नहीं।
. कानून मंत्री ने कहा कि यह इंसाफ और इंसानियत का सवाल हैं। बेटियों को फुटपाथ पर नहीं छोड़ सकते।
.कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल सदन में रखने के बाद कहा कि चर्चा के बाद इस पर विस्तार से जवाब दूंगा।
.प्रसाद ने कहा कि यह महिलाओं के सम्मान के लिए लाया गया है। नारी न्याय और नारी उत्थान का सवाल है।
क्या है वोटों का गणित : 3 तलाक बिल लोकसभा में पेश हो चुका है। यह बिल राज्यसभा में पारित होते ही कानून का रूप ले लेगा। एनडीए के पास राज्यसभा में 113 सांसद हैं, जबकि बिल पास होने के लिए 121 सांसदों की जरूरत होगी। यूपीए के समर्थन में 68 सांसद हैं, जबकि 42 सांसद ऐसे हैं जो भाजपा विरोधी हैं। सदन में 18 सांसद ऐसे हैं, जिनका रुख स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में इन 18 सांसदों की भूमिका बिल पास करवाने में अहम रहेगी।