मध्यप्रदेश/भोपाल,नगर संवददाता : भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच एक बार फिर शिवराज सरकार के समय हुए कथित घोटालों की जांच में तेजी आ गई है। प्रदेश में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम के बीच ई-टेंडर घोटाले में जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच तेज कर दी है।
जांच टीम ने पूरे मामले में शिवराज कैबिनेट में जल संसाधन मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के दो पूर्व निज सचिवों को गिरफ्तार कर उन पर शिंकजा कर दिया है।
सूत्र बताते हैं कि दोनों पूर्व निज सचिवों से पूछताछ और इनके घर से मिले दस्तावेजों को आधार बनाकर अब जांच टीम जल्द ही नरोत्तम मिश्रा को नोटिस भेजकर उनसे पूछताछ कर सकती है, वहीं ई.टेंडर घोटाले में जांच की आंच आने वाले समय में कई और पूर्व मंत्री और अफसरों तक पहुंच सकती है।
सूत्र बताते हैं कि जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू प्रदेश के इस सबसे बड़े घोटाले में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे रामपालसिंह और कुसुम मेहदले पर अपना शिंकजा कसने की तैयारी में है।
डंपर घोटाले की फाइल खोलने की तैयारी : इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को घेरने के लिए एक बार डंपर घोटाले का जिन्न बाहर निकल आया है।
प्रदेश सरकार के दो सीनियर मंत्रियों गोविंद सिंह और पीसी शर्मा ने डंपर घोटाले को व्यापमं से भी बड़ा घोटाला बताते हुए नए सिरे से इसकी जांच शुरू करने की बात कही है।
डंपर घोटाले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे और बाद में भाजपा सरकार के समय हुई जांच में पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार को क्लीन चिट मिल गई थी।
अब कांग्रेस सरकार के एक बार डंपर मामले की फाइल दोबारा खोलकर शिवराज को एक बार फिर जांच की दायरे में लाने की तैयारी में दिखाई दे रही है। हलांकि अभी डंपर घोटाले की नए सिरे से जांच होगी या नहीं या पूरी तरह से तय नहीं है।
भाजपा सरकार के समय हुए कथित घोटालों की जांच पर प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा कहते हैं कि पिछले 15 साल में हुए सभी घोटाले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया गया उसको बख्शा नहीं जाएगा।
दूसरी ओर भाजपा ने इस तरह की जांचों को राजनीतिक से प्रेरित बताया है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस ई.टेंडरिंग मामले में घोटाला सबित कर दे तो वे राजनीति छोड़ देंगे।
उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ई-टेंडरिंग और डंपर दोनों ही मामलों की जांच भाजपा ने ही शुरू की थी और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली थी।