कोलकाता, मोहन गोस्वामी : लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन का सपना दिखाने वाली तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ही अब उसमें सबसे बड़ा रोड़ा अटकाती नजर आ रही हैं। ममता ने पार्टी की शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए ऐसा बयान दिया जिससे राहुल गांधी के पीएम बनने के सपना टूट सकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस 2019 का लोकसभा चुनाव बंगाल में अकेले लड़ेगी और उन्होंने कांग्रेस व वाम दलों को चेतावनी दी कि वे राज्य में ‘बीजेपी के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे’। पार्टी के शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा “इस रैली में हमारा संकल्प यह है कि हम 2019 में बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेंगे.” उन्होंने कहा “कांग्रेस और वामदल बीजेपी को बंगाल में आगे बढ़ने में सहयोग कर रहे हैं जबकि दिल्ली में हमारा समर्थन चाहते हैं उन्हें दो बार सोचना चाहिए। हमें बंगाल में उनके समर्थन की जरूरत नहीं है। हम अकेले लड़ेंगे लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि हम उन्हें दिल्ली में समर्थन देंगे।” उन्होंने कहा, “यह कैसे हो सकता है कि बंगाल में उनकी एक विचारधारा हो और दिल्ली में दूसरी? क्या कांग्रेस, माकपा और बीजेपी हालिया स्थानीय चुनाव में एक साथ नहीं लड़े थे?” तृणमूल प्रमुख ने कहा “हमारी पार्टी वाम मोर्चा के शासन में उनके द्वारा किए गए अत्याचार को नहीं भूली है। इसलिए हम राज्य में माकपा के खिलाफ लड़ते रहेंगे।” उन्होंने बीजेपी पर बंगाल में लोगों के वोट खरीदने के लिए पैसे बांटने का आरोप लगाया। बनर्जी ने चेतावनी दी कि राज्य के 10 करोड़ लोगों को खरीदना असंभव है उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की मिदनापुर रैली के दौरान पंडाल गिरने पर चुटकी लेते हुए कहा “जो एक पंडाल का निर्माण ठीक से नहीं करा सकते, वे राष्ट्र-निर्माण की बात कर रहे हैं।” बनर्जी ने नोटबंदी को देश का ‘सबसे बड़ा घोटाला’ बताया और कहा कि उनकी पार्टी को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय का भय नहीं है जिसका ‘इस्तेमाल केंद्र द्वारा बार बार राजनीतिक बदला लेने के लिए किया गया है।’ उन्होंने बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए कहा “वे (मोदी) 2024 की बात कर रहे हैं पहले उन्हें 2019 पार करने दीजिये।”
मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता की ममता ने निकाली हवा, तोड़ा राहुल गांधी का सपना
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