कोलकाता, सौरव श्राफ : रंजन देवनाथ रंज ये नाम पूरे हिंदुस्तान के लिए आज किसी परिचय का मोहताज नहीं, ग़ज़ल को सुनने, समझने और जानने वाले लोगों के लिए यह नाम एक बड़ी शख्सियत का है। 200 से अधिक गजलें, 40 भजनों को लिखने के बाद उसकी धुन बनाना और फिर खुद से उसे गाना, किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं। यह कोई विरले या असाधारण व्यक्ति ही कर सकता है। इससे भी बड़ी बात यह कि आगरा के तरन्नुम ए ताज कार्यक्रम के दौरान लगातार 24 घंटे तक गजल की प्रस्तुति देकर विश्वस्तर पर रंजन देवनाथ रंज एक कीर्तिमान स्थापित किया है। शनिवार को रंजन देवनाथ रंज औरंगाबाद शहर में थे। वे मूलतः लखनऊ के रहने वाले हैं और जिनकी पूरी शिक्षा-दीक्षा आगरा से हुई है। श्री रंज रविवार को कॉफ़ी आवर्स से बात चित के दौरान बताया कि ग्यारह वर्ष पूर्व बनाये अपने नॉन स्टॉप गाने के रिकॉर्ड को एक बार फिर से ब्रेक करते हुए 27 घंटे नॉन स्टॉप गजल की प्रस्तुति देने जा रहे हैं। इवेंट मंत्रा कोलकाता द्वारा आयोजित तरन्नुम ई ताजमहल गजल महा उत्सव को कोलकाता में आगामी 12, 13 जनवरी 2019 को आयोजित किया जा रहा है। 62 वर्षीय रंज संगीत के तीन विधाओं गायन, लेखन एवं वादन में पारंगत हैं। यही वजह है कि शौकिया संगीत को अपना पेशा बना लिया। इस उम्र में भी संगीत के प्रति दीवानगी और उत्साह का श्रेय ईश्वर और उसके बाद बड़े भाई जैसे शागिर्द भजन सम्राट अनूप जलोटा एवं पत्नी सुलेखा, बेटी स्नेहा को देते हैं। उन्होंने बताया कि 27 घंटे नॉन स्टॉप गजल की प्रस्तुति के प्रमोशन को लेकर वह देश भर में 100 कार्यक्रम करने का लक्ष्य बनाया है। इसी क्रम में औरंगाबाद में यह 21वां कार्यक्रम था। इसके बाद कई महानगरों और राज्यों में इनके कार्यक्रम सुनिश्चित है। रंजन देवनाथ रंज ने बताया कि 27 घंटे के नॉनस्टॉप गजल कार्यक्रम को इस बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल भी किया जाएगा।
अपने ही रिर्काड को ब्रेक करने को तैयार रंजन देवनाथ
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