इंदौर, मध्यप्रदेश/नगर संवाददाताः निजी स्कूल में गुरुवार को सातवीं के एक छात्र ने तीसरी मंजिल की बालकनी से छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की। इसके पीछे सुसाइड गेम ‘ब्लू व्हेल’ का नाम सामने आया है। छात्र ने बताया कि वह पिता के मोबाइल पर गेम खेलता था। गेम की आखिरी स्टेज पार करने के लिए ऊंची इमारत से छलांग लगाने का विकल्प मिला था। इसके बारे में उसने एक दिन पहले ही इंटरनेट पर सर्च किया था। घटना राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र स्थित चमेलीदेवी स्कूल की है। सिलिकॉन सिटी निवासी 12 वर्षीय छात्र सुबह 7.20 बजे तीसरी मंजिल पर पहुंचा और बालकनी से कूदने लगा। सहपाठियों ने उसे रेलिंग पर चढ़ते देखा और शोर मचाते हुए दौड़े। तीन छात्र और स्पोर्ट्स टीचर मो. शेख फारुक ने उसे छलांग लगाने से पहले ही पकड़ लिया। छात्र ने बताया कि वह ‘ब्लू व्हेल’ गेम खेल रहा था। गेम के नियमों के मुताबिक अंतिम स्टेज पार करने के लिए उसे आत्महत्या करनी थी। वह सुबह ही इसकी योजना बना चुका था। पहले वैन से कूदना चाहता था, लेकिन गेम में ऊंची इमारत पर चढ़कर कूदने का नियम है। प्रार्थना समााप्त होते ही क्लास रूम पहुंचा। बैग रखकर बाहर आया और रेलिंग से कूदने की कोशिश की। उधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। प्राचार्य संगीता पोद्दार के मुताबिक छात्र घबराया हुआ था। उसने बताया कि आज वह दोस्तों से दूर चला जाता। स्कूल कर्मचारी अभिषेक मिश्रा के मुताबिक बच्चे के पिता फोर्स मोटर्स (पीथमपुर) में नौकरी करते हैं। छात्र ने बताया कि वह छिप-छिपकर पिता के मोबाइल में ब्लू व्हेल गेम खेलता था। गेम की सभी स्टेज स्कूल डायरी में नोट कर लेता था। उसने 49 स्टेज पार कर ली थी। 50वीं स्टेज के बारे में उसे जानकारी नहीं थी। दो दिन से डायरी भी नहीं मिल रही थी। इंटरनेट पर सर्च करने पर पता चला कि 50वीं स्टेज में ऊंची इमारत से कूदना है। दोस्तों के मुताबिक वह सुबह से नर्वस था। उसे आंसू भी आ रहे थे। पहले लगा कि उसकी तबीयत खराब है, लेकिन डरते हुए क्लास रूम पहुंचा तो शक हुआ, इसलिए वह उस पर नजर रखे हुए थे। घटना के बाद नर्स और स्कूल स्टाफ ने बच्चे की काउंसलिंग की। कुछ देर बच्चा सहमा बैठा रहा, बाद में घर चला गया। कुछ देर बाद उसके माता-पिता भी स्कूल पहुंचे और प्राचार्य से घटना की जानकारी ली। पुलिस के मुताबिक ठीक इसी वक्त महाराष्ट्र के सोलापुर में भी 14 वर्षीय बच्चे ने आत्महत्या की कोशिश की। बच्चा एक पत्र लिखकर घर से निकल गया। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस किया तो उसने बताया कि गेम की आखिरी स्टेज पार करने आत्महत्या के लिए पुणे जा रहा था। खूनी खेल ब्लू व्हेल की शुरुआत रूस से हुई है। मोबाइल और लैपटॉप पर खेले जाने वाले इस गेम में 50 दिन में रोज सुबह 4.20 बजे जागना, क्रेन पर चढ़ना, सुई को हाथ या पैर में चुभोना जैसे अलग-अलग टास्क मिलते हैं। टास्क पूरा करने के बाद हाथ पर निशान बनाना पड़ता है। आखिरी स्टेज में आत्महत्या करना पड़ती है। गेम 50 दिन में पूरा होकर ब्लू व्हेल का आकार ले लेता है। रूस पुलिस गेम संचालित करने वाले बुदेइकिन को गिरफ्तार कर चुकी है।
सुसाइड गेम ‘ब्लू व्हेल’ के लिए छात्र ने की, स्कूल की बालकनी से खुदकुशी की कोशिश
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