नई दिल्ली/नगर संवाददाताः आवारा पशुओं की बात होती है तो हमेशा कुत्तों और बंदरों के आतंक की ही चर्चा होती है, लेकिन नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में बंदरों से ज्यादा बिल्लियों का आतंक है। इस साल के मई महीने तक बिल्लियों ने 250 लोगों पर हमला किया। ऐसे में लोगों को सिर्फ बंदर और कुत्तों से ही नहीं बल्कि बिल्लियों से भी सावधान रहने की जरूरत हैं। वरना, बिल्लियों के काटने से भी लोग रेबीज के शिकार हो सकते हैं। निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों ही नगर निगमों में विगत एक साल में बिल्लियों के हमले के मामले बढ़े हैं। गत वर्ष उत्तरी दिल्ली नगर निगम इलाके में बंदरों के काटने के 192 मामले सामने आए थे जबकि बिल्लियों ने 274 लोगों को जख्मी किया। इसी तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम में बंदरों के काटने के 130 जबकि बिल्लियों के काटने के 155 मामले आए थे, जबकि दक्षिणी नगर निगम में सौ से ज्यादा मामले सामने आए थे। 2017 में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 56 से ज्यादा मामले सामने आए। निगम के पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में मानव आबादी बढ़ती जा रही है। इस कारण जानवर खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। साथ ही, प्रजनन के बाद बच्चों के बड़े होने तक बिल्लियां देखभाल करती हैं। इस दौरान यदि कोई उन्हें परेशान करता है तो वो आक्रामक हो जाती हैं। बिल्लियों के हमले के शिकार करीब 60 फीसद बच्चे होते हैं।
दिल्ली में खूंखार हुई बिल्लियां, कुत्तों व बंदरों से भी ज्यादा खतरनाक साबित हुईं
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