मुंबई में जीएसटी लागू होने के बाद चुंगी देना बंद, राज्य और केंद्र सरकार करेगी बीएमसी के नुकसान की भरपाई

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मुंबई, महाराष्ट्र/नगर संवाददाताः जीएसटी लागू होने के बाद मुंबई के चुंगी नाको पर सन्नाटा छा गया है। मुंबई के दहिसर चुंगी नाके पर बीएमसी के लाइसेंस के साथ काम करने वाले आक्ट्रॉय एजेंट अब नए काम की तलाश में है। इनके मुताबिक अब तमाम वाहन बगैर किसी चेकिंग के मुंबई में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कुछ भी खतरनाक चीज हो सकती है। वहीं दूसरी ओर चुंगी से मिली राहत से मुंबई आने वाले वाहन चालक खुश हैं। मुंबई के बार्डर दहिसर चकनाके पर जीएसटी से पहले चुंगी भरने वाले वाहनों की इतनी भीड़ होती थी की खड़े रहने की जगह नहीं होती थी। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद ऐसे चुंगी नाकों पर आक्ट्राइव भरना बंद हो गया है। जीएसटी लागू होने के बाद अब दहिसर नाके पर मौजूद चुंगी वसूलने वाले दफ्तरों में ताला लग गया है। यहां पर मौजूद बीएमसी कर्मचारियों के पास कोई काम नही है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर उन एजेंट पर पड़ा है, जिन्हें बीएमसी ने ग्राहकों का जकात भरने का लाइसेंस दिया था। चुंगी वसूलने वालों का मानना है कि इससे मुंबई की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि अब वाहनों की चेकिंग नहीं हो रही और सभी गाडियां बिना रोकटोक मुंबई आ रही हैं। मुंबई में पांच चुंगी चेक पोस्ट हैं। जिससे सलाना बीएमसी करीब 7000 हजार करोड़ टैक्स के तौर पर वसूलती है। इन चुंगी नाको से रोज करीब दो हजार से 2500 गाड़ियां चुंगी कर अदा करके गुजरती हैं। बीएमसी के इस नुकसान की भरपायी करने का जिम्मा राज्य सरकार और केंद्र ने लिया है। जो सालाना बीएमसी को करीब 7000 करोड़ किस्तों में देगें। बहरहाल चुंगी नहीं लगने से यहां पहुंचने वाली गाड़ियों के मालिक खुश हैं। जीएसटी लागू होने के बाद उन्हें अब चुंगी के लिए जेब ढीला नहीं करना पड़ रहा।

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