ग्रेटर नोएडा, नगर संवाददाता: जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट इस बार अनारक्षित श्रेणी में है। किसी भी जाति की महिला व पुरुष जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। नामांकन दाखिल करने से पहले ही भावी दावेदार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। दावेदार मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं। इनमें महिला दावेदार भी शामिल है। घूंघट की ओट में महिला दावेदार घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को दुजाना गांव में ग्रामीण ओमकार नागर के घर देखने को मिला। यहां जब महिलाओं का समूह वोट मांगने पहुंचा, तो उन्होंने चाय-पानी के लिए कहा। महिलाओं का एक ही जवाब था, चाय-पानी चुनाव जीतने के बाद। अब फुर्सत नहीं है। बस खयाल रखना, जीत अपनी ही है। पास खड़े लोग हंसी से लोटपोट हो गए। गांवों में हंसी-मजाक के साथ महिलाएं ठेठ भाषा में बोलकर मतदाताओं को रिझा रही हैं।
अधिकांश महिला प्रत्याशियों ने प्रचार के लिए जो सीडी बनवाई है, उनमें रागिनियों की भरमार है। ये रागिनी निजी कारों में महिलाओं के समूह के आगे बजती है। महिला प्रत्याशियों का वोट मांगने का अंदाज भी निराला है। महिला उम्मीदवार गांव की औरतों व बुजुर्गो से आर्शीवाद पाने के बहाने पैरों में धोक लगाती है। पैर जब तक नहीं छोड़े जाते, जब तक बुजुर्ग मतदाता वोट देने की हामी न भल ले। दरअसल, जिले की 88 ग्राम पंचायतों में प्रधान के 30 पद महिला वर्ग के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में घूंघट की ओट में प्रधान पद की महिला दावेदारों ने भी अपने पक्ष में प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है।