कालेजों में नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर बनाने का काम शुरू

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गुरुग्राम, नगर संवाददाता: राजकीय महाविद्यालयों में नेचर इंटरप्रटेशन सेंटर बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस केंद्र में एक कमरे को इस तरह सजाया जाएगा कि वह प्रकृति की प्रेरणा देता नजर आए। इस योजना के तहत कालेजों में अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाए जाएंगे और उनके बारे में जानकारी के लिए कालेजों में समय समय पर गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। सेक्टर नौ राजकीय महाविद्यालय में इस केंद्र को बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सत्यमन्यु यादव ने बताया कि 21 जनवरी तक सभी कालेजों को तैयारियों की रिपोर्ट उच्चतर शिक्षा विभाग को भेजनी है। इसके लिए जल्द इस केंद्र को बनाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

जिले के नौ राजकीय महाविद्यालयों में यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से इसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है। इको क्लब की देखरेख में यह केंद्र स्थापित होंगे, इसमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते चित्र, संदेश और अन्य गतिविधियों को करवाया जाएगा। कालेजों में प्रकृति केंद्र के लिए एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। इस केंद्र के लिए विद्यार्थियों को पर्यावरण प्रहरी बनाया जाएगा जो कि इस केंद्र की देखभाल करेंगे और पर्यावरण जागरूकता का संचार करते नजर आएंगे। इस केंद्र के तहत नोडल अधिकारी विद्यार्थियों को डिजिटल मंचों पर वीडियो और जानकारी युक्त सामग्री समय-समय पर उपलब्ध करवाएंगे।

राजकीय महाविद्यालय, सेक्टर नौ के प्राचार्य सत्यमन्यु यादव ने बताया कि नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर के जरिए विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। रीड्यूस, रीयूज और रीसाइकल के तीन ‘आर’ के बारे में समझाया जाएगा। इसमें गतिविधि आधारित कार्यक्रम चलाए जाएंगे। प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के लिए उन्हें समझाया जाएगा। इको क्लब में अब ऐसा मंच दिया जाएगा, जिसपर विद्यार्थी प्रकृति संवर्धन और संरक्षण को लेकर विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपनी रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन भी कर सकेंगे। सेक्टर 14 राजकीय महिला महाविद्यालय और द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय में भी तैयारियां जोरों पर है और सभी जगहों पर इस केंद्र को बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि समय पर इसकी रिपोर्ट भेजी जा सके।

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