नई दिल्ली, नगर संवाददाता: छठें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस विशाल विज्ञान महोत्सव की शुरुआत 22 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के साथ होगा। पहली बार 2015 में आईआईएसएफ का आयोजन किया गया था। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस वर्ष कोविड के कारण आईआईएसएफ 2020 का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है और यह वर्चुअल माध्यम से सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव बन जाएगा। उन्होंने आज आईआईएसएफ 2020 के कर्टन रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन सत्र को कल संबोधित करेंगे, जबकि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू 25 दिसंबर, 2020 को समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया कि विज्ञान और वैज्ञानिकों ने सदैव चुनौती का डटकर सामना किया है और बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय वैज्ञानिकों ने स्थिति का मुकाबला किया और छोटे से कार्यकाल में बड़ी संख्या में सेनिटाइजर, फेस मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर बनाए और कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए नई दवाएं, वैक्सीन और जीनोम अनुक्रमण किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कई कार्य हैं और ये सोचा गया कि जनता को इनके बारे में जानना चाहिए और ऐसी गतिविधियों और उपलब्धियों पर गर्व महसूस करना चाहिए। इसलिए विज्ञान और वैज्ञानिकों के योगदान को उजागर करने के लिए 2015 में यह सोचा गया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव प्रति वर्ष आयोजित किया जाना चाहिए, जिसमें सभी लोग भाग ले सकें और विज्ञान का जश्न मना सकें।
कोविड-19 वायरस के नये स्ट्रेन पर एक प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वैज्ञानिकों ने पहले कर दिखाया है और फिर कर दिखाएंगे कि वे नई उभरती चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने स्मरण कराया कि स्वास्थ्य मुद्दे अब जन-आंदोलन बन गए हैं और भारतीय जनता समुचित ऐहतियात और समुचित व्यवहार से ऐसी स्थितियों में स्वयं की सुरक्षा करने के प्रति जागरूक हैं।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि आईआईएसएफ एक वार्षिक आयोजन है। यह भारत सरकार की पहल है और इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और सीएसआईआर तथा विज्ञान भारती मिलकर आयोजित करते हैं। इस आयोजन में कई अन्य संगठन भी सहायता देते हैं। इस वर्ष यह महोत्सव विश्व विख्यात गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम की जयंती पर 22 दिसंबर, 2020 को शुरू होगा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर, 2020 को संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव एक विज्ञान आंदोलन बन गया है, एक विज्ञान जन-आंदोलन जिससे देश के युवकों और जनता के बीच जागरूकता तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संचार किया जाता है। इस वर्ष के विज्ञान महोत्सव का विषय है-आत्म निर्भर भारत के लिए विज्ञान और वैश्विक कल्याण। यह विज्ञान महोत्सव वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीय प्रयासों की आत्म निर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने के योगदान को प्रदर्शित करेगा। इस महोत्सव में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, अध्यापक, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, उद्यमी, कलाकार भाग लेंगे।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वर्चुअल प्लेटफॉर्म ने नये रास्ते खोल दिए हैं, जहां भारत और विदेश के वैज्ञानिक, युवा, सामान्य जन, आईआईएस 2020 के विशेष आयोजन में भाग ले सकेंगे। उन्होंने पहले आयोजित किए गए विज्ञान महोत्सव की सफलता की याद दिलाते हुए कहा कि महामारी के बावजूद आईआईएसएफ 2020 लोगों के भाग लेने का नया रिकॉर्ड बनाएगा और इसमें नये आयोजन होंगे और हम भविष्य में भी विज्ञान महोत्सव के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म की उपयोगिता सोच सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2020 को विज्ञान और वैज्ञानिकों का वर्ष कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि विज्ञान महोत्सव के समापन सत्र को 25 दिसंबर, 2020 को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू संबोधित करेंगे।
सीएसआईआर के महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉ. शेखर सी. मांडे ने अपने स्वागत भाषण में आईआईएसएफ 2020 के महत्व को उजागर किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस विशाल विज्ञान महोत्सव का कुल पंजीकरण एक लाख की संख्या को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि लोगों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति से हम उत्साहित हैं और इससे पता चलता है कि जनता विज्ञान महोत्सव में रुचि ले रही है तथा आईआईएसएफ विज्ञान को समाज तक ले जाने का एक प्रमुख मंच बन गया है।
सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस की मुख्य समन्वयक और निदेशक डॉ. रंजना अग्रवाल ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में पूरे आयोजन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्चुअल प्लेटफॉर्म से देश के दूर-दराज के लोगों को भी विज्ञान महोत्सव से जोड़ने में मदद मिलेगी। यह एक अनूठा महोत्सव है जो समाज और विज्ञान को जोड़ता है। इसबार के महोत्सव में 41 अलग-अलग प्रकार के इवेन्ट हैं, जिनमें से 13 नये इवेन्ट शामिल किए गए हैं। समाज का प्रत्येक वर्ग इस विज्ञान महोत्सव से प्रबुद्ध बनेगा। उन्होंने बताया कि गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड आईआईएसएफ का अनूठा इवेन्ट है और इस वर्ष हम पांच श्रेणियों में गिनिज बुक रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करेंगे। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आईआईएसएफ 2020 की इवेन्ट नौ शाखाओं में आयोजित की जा रही हैं। ये शाखाएं हैं- जन-जन के लिए विज्ञान, विद्यार्थियों के लिए विज्ञान, नई सीमाएं, उद्योग और एमएसएमई, कृषि और ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान, समावेशी विकास, विज्ञान और मानविकी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लिंकेज तथा टिकाऊ विकास।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयंत सहस्रबुद्धे ने बताया कि नये इवेन्ट सोच-समझकर तैयार किए गए हैं, क्योंकि यह न केवल विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की प्रगति को समक्ष लाएंगे, अपितु इसे इतिहास, दर्शन, कला और शिक्षा के साथ जोड़ेंगे। ऐसे इवेन्ट महोत्सव का मूल्य संवर्धन करेंगे, क्योंकि ये भारतीय विज्ञान की समृद्ध परम्परा को रेखांकित करेंगे। ये परम्पराएं हमारे वेद और उपनिषदों में वर्णित हैं।
इस अवसर पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. माधवन एन. राजीवन, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेनू स्वरूप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. संजीव वार्ष्णेय और अन्य वैज्ञानिक उपस्थित थे।
पत्र सूचना ब्यूरो के प्रधान महानिदेशक कुलदीप धतवालिया ने आईआईएसएफ 2020 के बारे में जागरूकता विकसित करने के लिए पीआईबी द्वारा देश भर में किए गए आउटरिच कार्यक्रम की जानकारी दी और बताया कि पीआईबी ने आईआईएसएफ 2020 पर विस्तृत सूचना देने के लिए पीआईबी की वेबसाइट पर माइक्रोसाइट तैयार की है।