दिल्ली विश्वविद्यालय में अरुंधति रॉय ने कहा एनआरसी देश के मुस्लिमों के खिलाफ

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नई दिल्ली/नगर संवाददाता : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की आट्स फैकल्टी के सामने नागरिकता संशोधन कानून सीएए के विरोध में बुधवार को सभा का आयोजन किया गया। इसे जॉइंट कमेटी फॉर एक्शन एंगेस्ट सीएए-एनआरसी और संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किया गया। इसमें बॉलिवुड अभिनेता मुहम्मद जीशान आयुब, लेखिका अरुंधति रॉय अर्थाशास्त्री प्रो. अरुण कुमार समेत कई छात्र नेता शामिल हुए। इस सभा में केंद्र सरकार की सीएए लाए जाने पर आलोचना की गई।
यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पहुंची लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है। अरुंधति रॉय ने दावा किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर राष्ट्रीय नागरिक पंजी एनआरसी के लिए डेटाबेस का काम करेगा। उन्होंने लोगों से एनपीआर का विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि एनआरसी देश के मुस्लिमों के खिलाफ है। रॉय ने कहा कि जब कोई एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आए तो उन्हें गलत जानकारी दें। जैसे अपना नाम रंगा-बिल्ला रख लें। उन्होंने कहा कि हमें आगे बहुत सोच समझ कर बढ़ना है। रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एनआरसी मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही कहा था कि एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है और उनके डेटाबेस को एक दूसरे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एनपीआर के लिए 2010 में डेटा एकत्रित किया गया था जिसे 2015 में अद्यतन किया गया था। रॉय ने कहा कि एनपीआर के अंतर्गत अधिकारी लोगों के घरों तक जाकर उनका नाम पता और अन्य जानकारी एकत्रित करेंगे।
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विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘वे आपके घरों तक जाएंगे, आपका नाम, फोन नंबर और आधार ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कागजात के बारे में पूछेंगे। एनपीआर एनआरसी का डेटाबेस बनेगा। हमें इसके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से लड़ना होगा । जब वे एनपीआर के लिए आपके घर आएं तो आप उन्हें दूसरा नाम बता दें। पते के लिए आप उन्हें 7 आरसीआर बताएं। हमें दबाने के लिए बहुत सारी ताकत लगेगी। हम लोग लाठी और गोली खाने के लिए पैदा नहीं हुए हैं।’

रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर यहां रविवार को रामलीला मैदान रैली में एनआरसी प्रक्रिया के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया। रॉय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने झूठ बोला कि देश में डिटेंशन सेंटर या हिरासत केंद्र नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘पकड़े जाएंगे यह जानते हुए भी उन्होंने (प्रधानमंत्री) झूठ बोला क्योंकि उनके पास मीडिया है जो उनसे सवाल नहीं पूछेगा।’
रॉय ने कहा कि जो संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं उन्हें विभिन्न राज्यों से बाकायदा आश्वासन लेना चाहिए कि वे इस प्रावधान को लागू नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में सीएए और एनआरसी का व्यापक स्तर पर विरोध होने के बाद सरकार इसके प्रावधानों को एनपीआर के जरिये लागू करवाना चाहती है। रॉय ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस मुस्लिमों पर हमला कर रही है और उनका दमन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस मुस्लिमों के घरों में घुसकर लूट मार कर रही है। रॉय के अनुसार सीएए और एनआरसी मुस्लिमों के अलावा दलितों, आदिवासियों और देश के गरीब लोगों के भी खिलाफ है।

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इस मौके पर जीशान आयुब ने सीएए पर बोलते हुए कहा कि इस कानून ने लोगों एवं छात्रों को परेशान कर दिया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ आंदोलन को लेकर जिस तरह से सरकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, यह इस बात की पुष्टि है कि वह इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। छात्रों द्वारा आवाज उठाते हुए एक आंदोलन की शुरुआत हुई है। यह आंदोलन बिल्कुल सही दिशा में जा रहा है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि एेसे ही हालातों में घबराया जाता है और इसी कारण सरकार को लग चुका है कि छात्र और लोग सरकार की इस कानून को लेकर मंशा समझ चुके हैं कि किस तरह से सरकार छात्रों और लोगों को दबाना चाहती थी, लोग सरकार की गेम को समझ चुके हैं। लेकिन वह नहीं दबे। छात्रों से इन्हें खास दिक्कत है।। यह बीच-बीच में अलग.अलग नेरेटिव बना रहे हैं, कभी हिंदू-मुसलमान का नेरेटिव बना रहे हैं।

इनकी खास दुश्मनी पुस्तकालयों से होती है, कोई पढ़ता भी दिख जाता है तो इन्हें तकलीफ होती है क्योंकि अगर व्यक्ति पढ़ गए तो फिर वह सवाल करेगा। साथ ही इन्हें शिक्षण संस्थानों से इन्हें बहुत दिक्कत है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि एेसा कभी दुनिया में हुआ है कि किसी कानून के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया हो, इसका मतलब समझ में आ गया है कि इन लोगों के मन में डर बैठ गया है और यह लोगों को बोल रहे हैं कि हमारे समर्थन में प्रदर्शन करें। ये मसला क्या है कि ये सारी ताकतें बड़ी पुरानी हैं, ये बुढ़े हो चुके हैं, लेकिन छात्र जवान हैं। एक 45 साल का आदमी अपशब्द दे देकर, लाठी चलाकर थक जाएगा। पर 20 साल का शख्स लाठी पड़ने पर कहेगा कि कोई नहीं, फिर वह आगे बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह से आंदोलन को जारी रखना है और जीतेंगे हम ही। छात्रों के पास जो ताकत है, उसके सामने कोई भी ताकत खड़ी नहीं हो सकती है।

सभा के आयोजक डीयू की लॉ फैकल्टी के एलएलबी के अंतिम वर्ष के छात्र मयंक यादव ने आरोप कहा कि हमारी तरफ से प्रशासन से बिजली की मांग की गई थी। जिससे माइक चल सके, लेकिन कनेक्शन नहीं दिया गया। इसके बाद जनरेटर की व्यवस्था की गई। जिसके बाद माइक चल सका। उन्होंने सभा के दौरान दावा करते हुए कहा कि डीयू प्रशासन ने तुरंत कार्यक्रम को रोकने के लिए भी नोटिस दिया था हालांकि यह जारी रहा। मंयक ने कहा कि इस सभा के आयोजन की सूचना मॉरिस नगर थाने में दो दिन पहले दे दी गई थी। बुधवार को दोपहर 12.30 बजे शुरू हुआ कार्यक्रम 3.45 बजे खत्म हो गया।

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