बेंगलुरू/नगर संवाददाता : बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को पृथ्वी से 4,375 किलोमीटर दूर चंद्रमा की सतह से ली गई दूसरी तस्वीर जारी की है। चंद्रयान 2 ने चंद्रमा की सतह जो नई तस्वीर ली है, उससे पता चलता है कि चंद्रमा में कई विशाल विशाल गड्ढे (क्रेटर) हैं।
इसरो ने तस्वीरें जारी करते हुए कहा कि चंद्रयान द्वारा जो तस्वीरें ली गई हैं, वे ‘सोमरफेल्ड’, ‘किर्कवुड’, ‘जैक्सन’, ‘माक’, ‘कोरोलेव’, ‘मित्रा’, ‘प्लासकेट’, ‘रोझदेस्तवेंस्की’ और ‘हर्माइट’ नामक विशाल गड्ढों की हैं।
इन विशाल गड्ढों का नाम महान वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और भौतिक विज्ञानियों के नाम पर रखा गया है। विशाल गड्ढे ‘मित्रा’ का नाम भारतीय भौतिक विज्ञानी एवं पद्मभूषण से सम्मानित प्रोफेसर शिशिर कुमार मित्रा के नाम पर रखा गया है। प्रोफेसर मित्रा को आयन मंडल और रेडियोफिजिक्स के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाना जाता है।
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अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रमा की सतह की ये तस्वीरें 23 अगस्त को चंद्रयान 2 के टेरेन मैपिंग कैमरा-2 द्वारा करीब 4,375 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गईं। चंद्रयान 2 द्वारा ली गई पहली तस्वीर इसरो ने 22 अगस्त को जारी की थी।
चंद्रयान 2 तीन मॉड्यूल वाला अंतरिक्ष यान है जिसमें ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल हैं। इस यान को 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। इसरो ने गत 21 अगस्त को ‘चंद्रयान 2’ को चांद की कक्षा में दूसरी बार आगे बढ़ाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की थी। इसरो ने इसके साथ ही कहा था कि इस प्रक्रिया (प्रोसेस) के पूरी होने के बाद यान की सभी गतिविधियां सामान्य हैं।
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चंद्रयान 2 वर्तमान में चंद्रमा के चारों ओर 118 किलोमीटर गुना 4412 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में उड़ रहा है। चंद्रयान 2 को चंद्रमा की कक्षा में आगे बढ़ाने के लिए अभी और 3 प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा।
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2 सितंबर को लैंडर विक्रम चंद्रयान 2 अंतरिक्ष यान से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों ओर अपनी कक्षा में पहुंच जाएगा और 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा।