आखिर सड़कों पर क्यों उतारे जाते हैं लड़ाकू विमान

News Publisher  

नई दिल्ली। राजमार्ग पट्टी या सड़क रनवे हाईवे का एक रूप है जिसे सेना के विमान को उतारने की अनुमति देने और सैन्य हवाई ठिकानों के रूप में सेवा के लिए बनाया जाता है। यह सैन्य विमानों को उड़ाने की अनुमति देने और युद्ध में दुश्मनों के सबसे कमजोर लक्ष्य को भेदने के लिए वायु सेना के कैंप की मदद के लिए बनाया जाता है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय बना था सड़क रनवे: सड़क रनवे सबसे पहले नाजी जर्मनी में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत समय में बनाया गया था। इसे रैसैतोबा प्रणाली द्वारा और अच्छी तरह से विकसित किया गया और विमानों को सड़कों का इस्तेमाल करने को कहा गया। शीत युद्ध के दौरान सड़क रनवे को और व्यवस्थित ढंग से बनाया गया। जर्मनी, उत्तर कोरिया, चीन गणराज्य (ताइवान), स्वीडन, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड, पोलैंड और चेकोस्लोवाकिया में सड़क के दोनों ओर लोहे के पर्दे लगाए गए।

कैसा होता है सड़क रनवे का डिजाइन: सड़क रनवे आमतौर पर हाईवे पर दो से 3.5 किलोमीटर लंबा बनाया जाता है, ताकि विमान सड़क की चौड़ाई का पूरा इस्तेमाल कर सके। इसके लिए सड़क का वह हिस्सा बिल्कुल सीधा और समतल होना चाहिए। इसके अलावा सड़क के नीचे की जमीन धंसने वाली नहीं होनी चाहिए और उस पर कोई ढलान भी नहीं होना चाहिए। जहां रनवे बनाना है वहां सड़क की चौड़ाई सड़क के बाकी हिस्सों से ज्यादा होनी चाहिए। सड़क के दोनों ओर बिजली के खंभे, मोबाइल फोन टॉवर नहीं होने चाहिए। सड़क के दोनों ओर इतनी जगह और व्यवस्था होनी चाहिए जिससे वहां फाइटर प्लेन को गाइड करने के लिए पोर्टेबल लाइटिंग सिस्टम लगाए जा सकें। सड़क पर डिवाइडर ऐसे हों जिन्हें तुरंत निकाला जा सके। इसके अलावा एयरबेस की सारी सुुविधाओं को यहां आसानी से बनाया जा सकता है। सड़क रनवे ऐसा होना चाहिए जो 24 से 48 घंटों में सड़क मार्ग से सड़क रनवे में बदला जा सके। सड़क पर एक भी गंदगी नहीं होनी चाहिए, ताकि विमान को आसानी से लैंड कराया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *