नई दिल्ली। नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप की त्रासदी के बीच सरकार ने बुधवार को बताया कि भारत ही नहीं दुनिया में कहीं भी भूकंप की भविष्यवाणी के लिए कोई तकनीक या प्रौद्योगिकी का विकास नहीं हुआ है। भूकंप के बारे में विभिन्न वर्गो द्वारा यह चिंता व्यक्त की गई थी कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है।
लोकसभा में राहुल शेवाले और श्रीकांत एकनाथ शिंदे के पूरक प्रश्न के उत्तर में अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत दुनिया में अग्रणी देशों में शामिल है लेकिन भूकंप की भविष्यवाणी के लिए भारत ही नहीं दुनिया में कहीं भी अभी कोई प्रौद्योगिकी विकसित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अभी दुनियाभर में कार्य चल रहा है। अभी कहीं भी कोई तकनीक नहीं है।
सिंह ने कहा कि अभी अप्रत्यक्ष माध्यम के जरिये ही कुछ आकलन किए जाते हैं जिनमें तापमान में वृद्धि, हवा में नमी, पानी की लहरों में बदलाव आदि शामिल है। इसके अलावा जिस तरह से हमारे पूर्वज पक्षियों के स्वभाव में परिवर्तन देखकर आकलन करते थे, उसका भी उपयोग किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि हालांकि बाढ़ और चक्रवात के आकलन के लिए तकनीक है और जम्मू कश्मीर और ओडिशा में इसका उपयोग किया गया था। सिंह ने कहा कि भूकंप के संदर्भ में हम इतना कर सकते हैं कि जैसे ही हमें भूकंप की सूचना मिलती है, हम पिछले चित्रों को लेकर तुलना करते हैं और इसके प्रभाव वाले क्षेत्र के बारे में बताते हैं।