ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में सबसे आगे हिंदुस्तानी!

News Publisher  

वाशिंगटन। ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के मामले में भारत सबसे आगे निकल रहा है, जबकि संशयी अमेरिकी जलवायु परिवर्तन पर अभी भी सवाल खड़े करते हैं। यह बात टाइम पत्रिका द्वारा कराए गए एक नए वैश्विक सर्वे में सामने आई है। छह देशों पर किए गए सर्वे में भारतीयों ने ऊर्जा और इसकी खपत को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और वे ऊर्जा संरक्षण के प्रति काफी प्रतिबद्ध थे, और कार्बन उत्सर्जन घटाने की अपनी क्षमता को लेकर सर्वाधिक आशावादी थे।

अमेरिकी समाचार पत्रिका द्वारा ऊर्जा के संदर्भ में किए गए सर्वे में 10 में से नौ भारतीयों ने कहा कि उनके लिए संरक्षण के मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं। सर्वे में ब्राजील, जर्मनी, तुर्की, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और भारत को शामिल किया गया। टाइम पत्रिका के सर्वेक्षण में कहा गया है कि ये सभी देश अलग-अलग तरीकों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करते हैं।

सर्वे में बताया गया है कि जर्मनी के लोग अपने कंप्यूटर बंद करने में, ब्राजील के लोग लाइट बंद करने और अमेरिका रीसाइकिलिंग में आगे है। लेकिन भारतीयों में ऊर्जा संरक्षण के प्रति सर्वाधिक व्यापक दृष्टिकोण दिखा। 10 में से आठ भारतीयों ने कहा कि ऊर्जा खपत पर अंकुश लगाने के लिए वे व्यक्तिगत आदतों में भी सचेत हैं।

सर्वे मे कहा गया है कि सर्वे में शामिल देशों में कारपूल, सार्वजनिक परिवहन प्रयोग करने और वाहन पर चलने की अपेक्षा पैदल चलने के मामले में भारतीय सबसे ज्यादा आशावादी हैं। सर्वे में पाया गया है कि भारतीय लोग अन्य देशों की अपेक्षा उपकरणों का प्रयोग करने के बाद उनके प्लग सॉकेट से तुरंत निकालते हैं।

टाइम पत्रिका ने कहा कि भारतीय जलवायु मुद्दों की व्यापाक जानकारी रखते हैं और इसकी चुनौतियों से लड़ने के मामले में काफी आशावादी हैं। लगभग 60 फीसदी भारतीयों ने कहा कि उनका मानना है कि साल 2050 तक दुनिया कार्बन उत्सर्जन में 80 फीसदी तक की कमी ला सकती है। यह सर्वे ऑनलाइन किया गया, जिसमें 3,505 अमेरिका, ब्राजील, जर्मनी, तुर्की, भारत और कोरिया के लोग समानरूप से शामिल थे। सर्वे 10 मई से 22 मई के बीच किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *