नई दिल्ली। भारत ने स्विट्जरलैंड की आलोचना की है वह अपने यहां एचएसबीसी बैंक की कुछ शाखाओं में भारतीयों के संदिग्ध खातों के बारे में सूचना देने से इनकार कर रहा है। इन खातों के मामलों में भारत में की गयी जांच में कर चोरी के अपराध की ओर संकेत करने वाले साक्ष्य मिले हैं। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने स्विट्जरलैंड की वित्त मंत्री को कड़े शब्दों लिखे एक पत्र के जरिए चेतावनी दी है कि दोनों देशों के आपसी आर्थिक सहयोग के लिए कर संबंधी सूचना का प्रभावी तरीके से आदान-प्रदान होना बेहद महत्वपूर्ण है। चिदंबरम ने स्विट्जरलैंड को भारत के साथ दोहरे कर से बचाव की संधि (डीटीएसी) में निर्धारित अपने अधिकार और कर्तव्य का मान रखने को कहा है। यह पिछले चार महीनों में चिदंबरम द्वारा स्विट्जरलैंड की वित्त मंत्री इवलीन विडमर श्लुंफ को इस संबंध में लिखा गया तीसरा पत्र है। उन्होंने दोहराया कि भारत स्विट्जरलैंड में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कानूनी और नियामकीय ढांचे की कमी के बारे में वैश्विक मंच पर बात करता रहेगा।
चिदंबरम ने यह भी कहा कि स्विट्जरलैंड का यह कहना अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है कि वह भारत के अनुरोध के अनुसार सूचना साझा नहीं कर सकता। स्विटजरलैंड ने 7 नवंबर को चिदंबरम को लिखे गए पत्र में अपने निर्णय की सूचना दी कि वह भारत के अनुरोध पर सूचना नहीं दे ससकता। उसके बाद भारत ने उस पर दबाव बढ़ा दिया है। स्विट्जरलैंड अपने मजबूत बैंकिंग गोपनीयता कानून के कारण कथित तौर पर भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों के कालेधन की पनाहगाह माना जाता रहा है।