नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ गुरुवार को छठ महापर्व का समापन हो गया। कृत्रिम घाटों पर तड़के सुबह व्रतधारी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंचे। स्मॉग की वजह से भगवान भास्कर के दर्शन देरी से हुए। अर्घ्य देकर महिलाओं ने सुख, शांति, समृद्धि और कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की। पूजा खत्म होने के बाद घाटों पर ठेकुआ के प्रसाद का वितरण हुआ। वहीं, कई परिवारों ने अर्घ्य देने को लेकर घरों में ही व्यवस्था की थी।
इस बार यमुना किनारे छठ पूजा पर रोक थी। इस कारण पार्कों, मैदान, जोहड़ में कृत्रिम घाट तैयार किए गए थे। हालांकि, कुछ जगहों पर पाबंदी के बाद भी लोग यमुना किनारे पूजा के लिए पहुंचे थे। कैलाश नगर स्थित महावीर स्वामी पार्क में सुबह चार बजे से लोग कृत्रिम घाट के लिए आना शुरू हो गए थे। चेहरे पर पूजा को लेकर उत्साह बरकरार था। कुछ लोगों ने पूरी रात छठ मइया की अराधना की। गीता कॉलोनी में बने घाट पर छोटे टेंपू में बैठकर व्रतधारी महिलाएं, बच्चे और परिवार के दूसरे सदस्य अर्घ्य देने पहुंचे थे। आईटीओ स्थित छठ पूजा समिति के सचिव बृजेश पांडेय ने बताया कि उम्मीद है कि कोरोना के खत्म होने पर अगले वर्ष पूरे धूमधाम से पहले की तरह यमुना किनारे छठ पूजा का मौका मिलेगा।