नई दिल्ली, नगर संवाददाता: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वालों को प्रदूषण से यथा शीघ्र राहत प्रदान करने के लिए आज पांच सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिए गए। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर के प्रदूषण को कम करने के लिए 11 नवंबर से 11 दिसंबर तक एंटी ओपेन बर्निंग कैंपेन चलाया जाएगा। 10 विभागों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इन विभागों ने 550 टीमें गठित की हैं, जिसमें 304 टीमें दिन में और 246 टीमें रात में पेट्रोलिंग कर ओपेन बर्निंग के मामलों को रोकेंगी। साथ ही,ग्रेप के तहत संबंधित विभागों को दिल्ली में डीजल जेनसेट व कोल भट्ठियां बंद करने, मेट्रो व बस के फेरे बढ़ाने और आरडब्ल्यूए से गार्डों को हीटर दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन का दूसरा चरण 12 नवंबर से 12 दिसंबर तक चलाया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अब 400 टैंकर से पानी का छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जारी दिशा-निर्देंशों का पालन नहीं करने वाले विभागों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में आज प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए काम कर रहे सभी विभागों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के उपरांत उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के अंदर दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा था। आज प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सा सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी यह बहुत खराब (वेरी पुअर) की श्रेणी में है। दिल्ली में दिवाली के बाद जो प्रदूषण बढ़ा, उसका मुख्य रूप से कारण दिवाली के दिन जलाए गए पटाखों और दिल्ली के आसपास के राज्यों खासतौर से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जा रही पराली का धुंआ है। पटाखे और पराली के धुंए की वजह से दिल्ली के उपर एक स्मॉग की चादर छाई हुई है। अभी भी पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की घटनाएं लगातार जारी है। हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन किया था कि उनके नेतृत्व में राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की एक संयुक्त बैठक की जाए। मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर जल्द ही निर्णय लेगी, जिससे कि बाहर से पराली का जो प्रदूषण दिल्ली के अंदर आ रहा है, उसे कम किया जा सके। वहीं, दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण है, उसे हम कैसे और कम कर सकते हैं, इस संबंध में आज मैंने दिल्ली के अलग-अलग विभागों के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में दिल्ली के सभी विभाग, तीनों एमसीसी व डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी आदि मौजूद रहे।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बैठक में मुख्य तौर पर हमने 5 निर्णय लिए हैं, जिससे दिल्ली के अंदर प्रदूषण को कम करने की लड़ाई को और तेज कर सकें। दिल्ली के अंदर मुख्य रूप से धूल का प्रदूषण, वाहनों का प्रदूषण, खुले में जलाए जा रहे कूड़े और पराली अगर जलती है, तो उससे प्रदूषण बढ़ता है। मुख्य रूप से यह चार स्रोत हैं, जो दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ाते हैं। आज हमने निर्णय लिया है कि दिल्ली के आसपास के राज्यों मे ंजलाई जा रही पराली को हम अभी नहीं रोक पा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के अंदर जगह-जगह जो खुले में कूड़ा आदि जलाया जा रहा है, उसको रोकने के लिए हम पूरे दिल्ली के अंदर 11 नवंबर से 11 दिसंबर तक एंटी ओपेन बर्निंग कैंपेन लांच कर रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग 10 विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। विभाग अपनी टीमें गठित कर अभियान का हिस्सा बनेंगे। यह संयुक्त अभियान होगा। इस अभियान में डीपीसीसी, ईडीएमसी, रेवेन्यू विभाग, डीडीए, एनडीएमसी, एसडीएमसी, विकास विभाग, डीएसआईडीसी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और डीसीबी शामिल हैं। दिल्ली के अंदर अगर कहीं पर भी खुले में कूड़ा जल रहा हो, तो उसे रोकने के लिए यह विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे। इन 10 विभागों में 550 टीमें गठित की गई हैं। इन 550 टीमों को रात और दिन में बंटी होंगी। दिन में 304 टीमें दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में काम करेंगी और रात में 246 टीमें पेट्रोलिंग कर ओपेन बर्निंग के मामलों को रोकेंगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि अगर खुले में कोई कूड़ा जलता हुआ दिखाई दे, तो उसकी दिल्ली ग्रीन एप पर अवश्य शिकायत करें, ताकि हम वार रूम के जरिए विभागो के साथ मिलकर इसको रोकने के लिए काम कर सकेंगे।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ग्रैप के अनुसार भी कुछ कड़ी कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में चलने वाले सभी डीजल जेनसेट बंद किए जाएंगे। इसके लिए डीपीसीसी और पुलिस को कल तक एक्शन प्लान बनाकर सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रैप के तहत, एमसीडी को पार्किंग फीस को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मेट्रो और बस के फेरे बढ़ाने के लिए दिल्ली मेट्रो और दिल्ली परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है। दिल्ली में कोल भट्टियों को बंद करने के लिए एमसीडी को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, आरडब्ल्यूए अपनी सोसायटी में जगह-जगह जो गार्ड रखती हैं, तो सभी आरडब्ल्यूए की ओर से अपने गार्डों को हीटर दिलाने के सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। सभी एसडीएम यह सुनिश्चित करेंगे कि सोसायटियों में तैनात सभी गार्डों को हीटर दिया जाए, ताकि वे रात में अलाव न जलाएं और उससे होने वाले प्रदूषण से बचा जा सके। ग्रैप के अनुसार दिल्ली के यह पांच मानक लागू होते हैं। इसके लिए यह पांच दिशा-निर्देश संबंधित विभागों को जारी कर दिए गए हैं।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमने 8 अक्टूबर से दिल्ली में धूल के प्रदूषण को रोकने के लिए एंटी डस्ट कैंपेन चलाया था। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए एंटी डस्ट कैंपेन का दूसरा चरण चलाने का निर्णय गया है। एंटी डस्ट कैंपेन का दूसरा चरण 12 नवंबर से 12 दिसंबर तक चलाया जाएगा। दिल्ली के अंदर डीपीसीसी के अलावा सभी विभाग मिलकर संयुक्त अभियान चलाएंगे। सभी विभागों को एंटी डस्ट सेल बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जो धूल के प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करेंगे और डीपीसीसी को-आर्डिनेट करेगा। पहले चरण में डीपीसीसी ने करीब 2500 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया था। जिसमें दो हजार निर्माण साइटों पर मानदंडों का पालन होता पाया गया था और करीब 450 साइटों पर मानदंडों का उल्लंघन पाए जाने पर उन पर एक करोड़ 23 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। एंटी डस्ट कैंपेन का पहला चरण डी पी सी सी के साथ मार्शल के द्वारा चलाया जा रहा था, लेकिन अब यह सभी विभागों में बनाए गए एंटी डस्ट सेल के साथ मिलकर संयुक्त एंटी डस्ट कैंपेन पूरी दिल्ली में चलाया जाएगा। कैंपेन की रिपोर्ट प्रतिदिन हम एकत्र करेंगे, ताकि यह पता चल सके कि किस विभाग ने कहां-कहां पर काम किया और कितने चालान किए।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि चौथा निर्णय लिया है कि इमरजेंसी कदम के रूप में पानी का छिड़काव किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के जरिए हम दिवाली के अगले दिन से ही 114 टैंकरों के जरिए पानी के छिड़काव का काम शुरू कर चुके हैं। लेकिन अब इसमें तीनों एमसीडी, डीएसआईडीसी और कंटेनमेंट बोर्ड के मिलाकर करीब 400 टैंकर अब सड़क पर उतरेंगे और दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करेंगे। जिससे प्रदूषण के स्तर और प्रभाव को कम किया जा सके। हमने पांचवां निर्णय पराली को लेकर लिया है। दिल्ली के अंदर अभी तक 2300 एकड़ खेत में बायो डि-कंपोजर घोल का छिड़काव हो चुका है। अब हमने निर्देशित किया है कि कृषि विभाग अपना मैन पॉवर बढ़ाए और 4 हजार एकड़ में बायो डि-कंपोजर के छिड़काव के लिए जो आवेदन आए हैं, वहां पर 20 नवंबर तक पूरा कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार सभी विभागों के साथ मिलकर दिल्ली के अंदर के प्रदूषण को और कम करने का प्रयास करेगी। इस अभियान को तेज करने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही, दिल्ली सरकार के दिए गए दिशा-निर्देंशों का अगर कोई विभाग अनुपालन नहीं करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। ऐसे विभागों के खिलाफ डीपीसीसी और पर्यावरण विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।