नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुक्रवार को तीसरी वर्षगांठ आयोजित की गई। इस अवसर पर हैप्पीनेस उत्सव 2021 आयोजित किया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से अपने जीवन में हैप्पीनेस कक्षाओं में हुए सकारात्मक बदलावों को साझा किया। वहीं, उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि हैप्पीनेस पाठ्यक्रम ने भारत की वर्षों पुरानी ध्यान परंपरा से लोगों को जोड़ा है।
सिसोदिया ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी परंपरा रही है मन पर काम करने की। हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चे हमारी ध्यान की परंपरा वापस समाज तक लेकर आए हैं। लाखों बच्चों ने कोरोना के दौरान हैप्पीनेस क्लास में सीखे गए माइंडफुलनेस और अन्य गतिविधियों का अपने घर-परिवार में अभिभावकों और भाई-बहनों के साथ अभ्यास किया है। इसमें लोगों को इतनी मुश्किल के दौरान भी खुश रहना और तनावमुक्त रहना सिखाया गया है। उत्सव में अपने अनुभव साझा करते हुए वीकेएसएसवी, कालका जी स्कूल की कक्षा 7वीं की छात्रा स्पर्श अग्रवाल ने हैप्पीनेस क्लास को लेकर हुए अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इससे उन्होंने सीखा की कभी भी मुश्किलों से हार कर कोशिश करना नहीं छोड़ना चाहिए। स्पर्श की मां ने बताया कि जबसे हैप्पीनेस की क्लास शुरू हुई है वह और स्पर्श आपस में बहुत ज्यादा नजदीक आ चुके हैं। साथ मिलकर कई एक्टिविटी करते हैं जिससे तनाव नहीं होता है।
एससीएसडीएसवी रोहिणी सेक्टर-9 की कक्षा 7वीं में पढ़ने वाले छात्र रक्षित ने हैप्पीनेस क्लास से अपने जीवन में आए बदलावों को बताते हैं कि वे मोबाइल गेम खेलने के आदी हो चुके थे जिससे उनकी आंखों में दर्द रहने लगा। साथ ही वे बहुत ज्यादा चिड़चिड़े हो गए लेकिन हैप्पीनेस की गतिविधियों के अभ्यास से अब वे तनावमुक्त रहने लगे हैं और उनका पढ़ाई में भी मन लगने लगा है।