समस्तीपुर, बिहार, संतोष कुमार: नोवेल कोरोना वायरस ने लोगों के जीवन जीने का अंदाज ही बदल दिया है। एक तरफ जहां लोगों की रूटीन बदल गई, खानपान के तरीके बदल गए, सामाजिक जीवन में रहन-सहन बदल गया, वहीं नहीं बदली, तो यात्रा करने के तरीके। शहर से लेकर गांव तक रोजाना यात्री बस, टेंपो, ई-रिक्शा सहित अधिकांश निजी वाहनों में बिना मास्क के यात्रा करते हुए लोग संक्रमण की तीसरी लहर को निमंत्रण दे रहे हैं । जहां बिना मास्क के एक ही सीट पर कई लोग बैठे नजर आ रहे हैं एवहीं संचालकों के द्वारा यात्रियों को मास्क पहनने की हिदायत भी नहीं दी जा रही है और ना ही सैनिटाइजर की भी व्यवस्था है ।यहां तक कि अधिकांश चालक भी बिना मास्क के ही देखे जाते हैं। जैसे-जैसे गाड़ी अपने गंतव्य स्थलों की ओर आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे ही आम दिनों की तरह ही यात्रियों को बैठाया जाता है। वही इन गाड़ियों में किराया का निर्धारण नहीं होने से चालक यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल कर रहे हैं। नतीजतन भाड़े को लेकर आए दिन वाहन चालक व यात्रियों में नोक-झोंक भी होती है, जबकि जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार सार्वजनिक व निजी वाहनों में सभी के लिए (यात्री व चालक) मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से बढ़ रहा मनोबल एक तरफ बाइक चालकों पर हेलमेट व मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना वसूला जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बस, टेंपो, ई-रिक्शा पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं। यदि यात्री गाड़ियों में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया गया तो वह दिन दूर नही, जब फिर से लोगों को कोरोना संक्रमण की भीषण लहर देखने को मिल जाए।
मास्क का लोग नहीं कर रहे इस्तेमाल, दे रहें हैं तीसरी लहर को न्योता
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