मंदिर खोलने को लेकर असमंजस की स्थिति हुई

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: बिना श्रद्धालुओं के प्रवेश के मंदिर खोलने को लेकर असमंजस की स्थिति हो गई है, जिस कारण राजधानी के बड़े मंदिरों के कपाट बंद ही रहेंगे। लेकिन, मंदिर में आरती और पूजा अर्चना जरूर होगी। इसमें मंदिर के सेवादार और पुजारी ही हिस्सा ले सकेंगे। अप्रैल के चैत्र नवरात्र से दिल्ली के मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद है।
झंडेवाला देवी मंदिर के प्रचार प्रमुख नंद किशोर सेठी ने बताया कि अभी मंदिर खोलने के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ है। मंदिर फिलहाल बंद है। श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं। बिना श्रद्धालुओं के मंदिर को दिनभर खोलकर क्या करेंगे। छतरपुर मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. किशोर चावला ने मंदिर अभी फिलहाल बंद रहेगा। लेकिन मंदिर में पूजा अर्चना पहले की तरह जारी रहेगी।
पुजारियों के आगे संकट: कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि बिना श्रद्धालुओं को प्रवेश दिए मंदिर खोलने के संबंध में प्रशासन का निर्णय अव्यवहारिक है। जब श्रद्धालु नहीं होंगे तो मंदिर को खोलकर क्या किया जाएगा। मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक होने से पुजारियों और सेवादारों के आगे आर्थिक संकट आ गया है। सरकार ऐसी स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करें। मंदिर में आरती और पूजा नियमित होगी।
प्राचीन हनुमान मंदिर अभी रहेगा बंद: यमुना बाजार के प्राचीन हनुमान मंदिर की प्रबंधक सावित्री देवी ने बताया कि कोरोना के चलते अभी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर को बंद रखेंगे। डीडीएम के आदेश में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश न देने का जिक्र किया गया है। प्रीत विहार स्थित गुफा वाले मंदिर (शिव मंदिर) के प्रधान सुरेंद्र दीवान कहते हैं कि मंदिर में पहले की तरह पूजा और आरती जारी रहेगी। मंदिर खोलने की अनुमति दिए जाने के संबंध में जो आदेश आया है वह असमंजस पैदा करने वाला है। बिना श्रद्धालुओं के प्रवेश दिए मंदिर को कैसे खोलें। कॉलोनी की तरफ मंदिर का जो प्रवेश द्वार है उसे खोला जा सकता है।