नई दिल्ली, नगर संवाददाता: राजधानी के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम के टीका केंद्रों पर कोवैक्सीन टीका 18 से 44 साल के उम्र के उन लोगों को लगेगा जिन्होंने पहली खुराक ले ली है। दिल्ली सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय में यह जानकारी दी। केंद्र व दिल्ली सरकार ने न्यायालय को यह भी जानकारी दी है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीके की पहली खुराक ले चुके लोगों को समय सीमा के भीतर दूसरी खुराक लगाने के लिए दिल्ली को 40 हजार अतिरिक्त खुराकें मुहैया कराई गई हैं।
जस्टिस रेखा पल्ली ने शुक्रवार को वैक्सीन की कमी पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र व दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया था। उन्होंने केंद्र व दिल्ली सरकार से कहा था कि कोवैक्सीन की पहली खुराक ले चुके लोगों को दूसरी खुराक के लिए मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता। न्यायालय ने इससे साथ ही केंद्र व दिल्ली सरकार को कोवैक्सीन टीके का समुचित प्रबंध करने को कहा था ताकि लोगों को दूसरी खुराक लग सके।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय को बताया कि उसने सभी सरकारी केंद्रों, निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को 18 से 44 साल के लोगों में कोवैक्सीन टीका सिर्फ उन लोगों को ही लगाने के निर्देश दिए हैं, जो इसकी पहली खुराक ले चुके हैं। इसके बाद न्यायालय ने कोवैक्सीन की कमी के मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष जताया।
सरकार ने न्यायालय को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने 6 जून को ही इस बारे में आदेश जारी कर दिया है। साथ ही कहा कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 3 जून को पहले ही सभी सरकारी कोरोना टीकाकरण केंद्रों को इस संबंध में ऐसे ही निर्देश जारी किए हैं। कोवैक्सीन की दूसरी खुराक समय सीमा के भीतर लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। आशीष विरमानी, अधिवक्ता कुशल कुमार और अन्य लोगों की ओर से दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि उन लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोवैक्सीन की पहली खुराक ले ली है। लेकिन, अब उन्हें समय सीमा के भीतर इसकी दूसरी खुराक नहीं मिल रही है।
अधिवक्ता कुशल कुमार और अधिवक्ता शाश्वत त्रिपाठी व अन्य ने न्यायालय को बताया कि कोवैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए आवंटित समय 31 मई से 14 जून के बीच है। लेकिन अब यह टीका कहीं नहीं मिल रहा है। इसी तरह आशीष विरमानी ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने 3 मई को कोवैक्सीन की पहली खुराक ली थी और दूसरी खुराक के लिए 29 मई से समय नहीं मिल पा रहा, जबकि दूसरी खुराक छह सप्ताह के अंदर ली जानी है। विरमानी ने न्यायालय को बताया कि ऐसी स्थिति में उन्हें टीके की दूसरी खुराक लेने के लिए उत्तर प्रदेश में मेरठ जाना पड़ा था।