नई दिल्ली, नगर संवाददाता: केजरीवाल सरकार की ‘घर-घर राशन’ योजना की फाइल को उपराज्यपाल द्वारा पुनर्विचार के लिए लौटाये जाने से इस पर राजनीति तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, ‘ये समय लड़ने का नहीं है। अब लोगों को लगने लगा है कि केंद्र सरकार लड़ाई में व्यस्त है। कभी आप ममता दीदी से लड़ते हो, कभी किसानों से लड़ते हो, कभी महाराष्ट्र से, कभी लक्षद्वीप से, तो कभी दिल्ली से। ऐसा मत कीजिये।
उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘दिल्ली में अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने की योजना शुरू होनी वाली थी। जिसके शुरु होने से गरीबों को राशन लेने लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लेकिन आपने ये योजना रोक दी। देश का गरीब पिछले 75 सालों राशन की लाइन में खड़ा है। पहली बार दिल्ली में ऐसी क्रांतिकारी सरकार आई जिसने राशन माफिया से लड़ाई लड़कर गरीबों को उनके घर पर राशन पहुंचाने की पहल की। हमें पता है की राशन माफिया की पहुंच बहुत उपर तक है वो इस योजना को रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री प्रेस वार्ता के दौरान सबूत के तौर पर कागज भी लेकर आये थे। उन्होंने कहा कि इस योजना पर रोक लगाते समय केंद्र सरकार का कहना है कि हमनें इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली है। बल्कि हमने इसके लिए पांच-पांच बार अनुमति ली है। ये सभी कागज हमारे पास हैं। जब पिज्जा, बर्गर और कपड़े लोगों के घरों तक डिलीवर हो सकता है तो गरीबों के घरों में राशन क्यों नहीं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना की फाइल को उपराज्यपाल ने शनिवार को पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था। योजना का क्रियान्वयन एक निजी वेंडर द्वारा किये जाने की संभावना के मद्देनजर ऐसा किया गया है। असल में ऐसा नियमों को खिलाफ है। एलजी ने स्पष्ट किया है कि राशन वितरण की व्यवस्था में परिवर्तन किया जा रहा है इसलिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है।