मथुरा, उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता: मरीज की मृत्यु के बाद कोरोना सेंपलिंग रिपोर्ट का लिया जाना चर्चा का विषय बन गया है। मरीज की मृत्यु 11 मई को हुई और रिपोर्ट के पर्चे में दिखाया गया है कि कोरोना जांच हेतु 13 मई को सैंपल लिया गया है, जबकि मृत्यु 11 को हो गई। आखिर मृत्यु के बाद सेंपल कैसे लिया गया जबकि घर वालों ने मृतक का अंतिम संस्कार भी उसी दिन कर दिया था। अब यह बात मोहिनी जगदीश हॉस्पिटल के गले की हड्डी बन गई है, क्योंकि इस शिकायत पर सीएमओ ने एक जांच पैनल गठित कर दिया है। इस मामले को दबाने के लिए कई दलाल सक्रिय हो गए जब मृत परिवार के परिजनों के पास पहुंचे तो उन्होंने फटकार लगा कर के भगा दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के ग्राम गणेशरा निवासी 60 वर्षीय देबो देवी पत्नी पूरन चंद की तबीयत खराब होने पर उनके परिजनों ने जमुना पार स्थित मोहिनी जगदीश हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जहां उसकी कोरोना सहित अन्य जांचो के लिए लिखा गया, तबीयत बिगड़ने पर और हॉस्पिटल में वेंटीलेटर ना लगाने पर परिजनों ने देवो देवी को दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जहां उसकी मृत्यु हो गई। इस प्रकरण में शिकायतकर्ता परिजन देशबंधु एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी नानी देवो देवी को 10 तारीख को मोहिनी जगदीश हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जहां वेंटीलेटर न लगाने पर एवं उपचार में लापरवाही करने पर उन्होंने अपनी नानी को दूसरे हॉस्पिटल में 11 तारीख को भर्ती करा दिया था जहां उनकी मृत्यु हो गई थी लेकिन जब वह मोहिनी जगदीश हॉस्पिटल में जांच की रिपोर्ट लेने पहुंचे तो दंग रह गए उन्हें दिखाया गया कि उनका कोरोना सैंपलिंग लिया गया था पर उसकी जांच उनके पास नहीं थी जब उनसे पूछा गया कि जांच रिपोर्ट कहां हैं तो उन्हें बताया 2 दिन बाद आना 2 दिन के बाद उन्हें जो रिपोर्ट दिखाई गई वह देख करके दंग रह गए उसमें लिखा था मृतका का सेंपलिंग 13 मई को लिया गया है, जबकि मृतका की दूसरे हॉस्पिटल में मौत 11 मई को हो चुकी थी तो क्या यह देवलोक जाकर के सैंपलिंग करके लाए या भूतों का ले करके दिखा दिया और मजेदार बात यह है कि जिस पैथ लैब से इस सेंपलिंग की रिपोर्ट को दर्शाया जा रहा है वह कुछ और कहानी कह रहा है और सत्यता यह भी है कि वह लेब पहले इन्हीं गलत रिपोर्टों के आधार पर सील भी की जा चुकी है। अब इस केस में पैथ लैब का कहना कुछ है और डॉक्टर का कहना कुछ और है। इस प्रकरण की शिकायत देशबंधु एडवोकेट द्वारा सीएमओ से की गई सीएमओ मथुरा ने इस पूरे प्रकरण पर एक पैनल गठित कर दिया है जो शीघ्र ही इसकी जांच कर रिपोर्ट देगा, वही इस प्रकरण में मामले को दबाने के लिए डॉक्टर ने कुछ दलालों को सक्रिय कर दिया है जिन्होंने परिजनों से मुलाकात कर मामले को रफा-दफा करने की गुहार लगाई लेकिन परिजनों ने उन्हें यह कहकर फटकार दिया कि वह न्याय चाहते हैं जिससे अन्य किसी मरीज के साथ ऐसे हालात पैदा ना हो।