गुरुग्राम, हरियाणा, नगर संवाददाता: प्रदेश के छठे वित्त आयोग के चेयरमैन पी. राघवेंद्र राव और सदस्य सचिव विकास गुप्ता बृहस्पतिवार को गुरुग्राम पहुंचे। सेक्टर-18 स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में उन्होंने प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। जिले के सभी शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों ने मौजूद रहकर और हरियाणा के शेष स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया और अपने सुझाव वित्त आयोग के समक्ष रखे। बैठक में शहरी स्थानीय निकायों की आय बढ़ाने और जनप्रतिनिधियों की इसमें निभाई जाने वाली भूमिकाओं के बारे में चर्चा की गई।
चेयरमैन पी. राघवेन्द्र राव ने कहा कि राज्य के टैक्स राजस्व का सात फीसद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए होता है। इसमें 55 प्रतिशत भाग ग्रामीण के लिए और 45 फीसद भाग शहरी क्षेत्रों के लिए होता है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से शहरीकरण बढ़ रहा है, इससे आने वाले समय में यह अनुपात 50-50 प्रतिशत तक हो सकता है। छठे वित्त आयोग के सदस्य सचिव विकास गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।
मेयर मधु आजाद ने कहा कि बिल्डिग प्लान प्रक्रिया को सहज, सरल बनाया जाना चाहिए और इसके शुल्क को कम किया जाना चाहिए। इसके साथ ही जिन विभागों को नगर निगम द्वारा धनराशि दी जाती है, उन विभागों को प्राप्त होने वाली आय में नगर निगम का भी हिस्सा मिलना चाहिए। रोड टैक्स में भी नगर निगम का हिस्सा होना चाहिए।
बैठक में मुख्य रूप से प्रापर्टी टैक्स रिबेट की अवधि बढ़ाने, शराब की बिक्री पर मिलने वाले टैक्स का हिस्सा देने, एक्साइज डयूटी का हिस्सा देने, स्थानीय निकायों की जमीनों का बेहतर उपयोग करने सहित कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि नगर निगम द्वारा प्रापर्टी टैक्स के लिए आटो डेबिट सिस्टम की सुविधा लागू की गई है। नगर निगम फरीदाबाद की मेयर सुमन बाला ने भी बैठक में सुझाव दिए गए।