फरीदाबाद , नगर संवाददाता: जिले के राजकीय एवं निजी विद्यालयों की सभी कक्षाओं में फिर से रौनक दिखने लगी है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सोमवार से पहली व दूसरी के छात्रों की भी कक्षाएं लगना शुरू हो गई हैं, हालांकि पहला दिन होने के चलते छात्रों की संख्या बहुत ही कम थी।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की प्रक्रिया चल रही है। दिसंबर में छठी से आठवीं तक के छात्रों के लिए, पिछले सप्ताह तीसरी से पांचवीं और सोमवार से पहली व दूसरी के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। सरकार ने विद्यार्थियों को कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार ही विद्यालय प्रबंधकों ने उचित इंतजाम किए थे। बच्चों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए बेंच पर एक ही छात्र था और एक बेंच छोड़कर बैठाया गया था। इसके अलावा स्कूल में प्रवेश करने से पूर्व बच्चों के शरीर के तापमान और हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा था। छात्रों को स्कूल में तीन घंटे के दौरान मास्क हटाने की अनुमति नहीं थी।
करीब 11 महीने बाद स्कूल खुलने की वजह से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए आए थे। इस दौरान कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को सहमति पत्र नहीं लिखकर दिया। स्कूल प्रबंधकों सरकार द्वारा जारी सहमति पत्र की फोटो कापी करा ली थी। उन्हें तुरंत भरवाया गया है और इसके बाद ही बच्चे को स्कूल में प्रवेश करने दिया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी रितु चैधरी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओल्ड फरीदाबाद का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें कुछ खामियां मिली थी। उन्होंने तुरंत खामियों को दूर करने के निर्देश दिए। छात्रों के हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा शारीरिक दूरी का भी अभाव था। पहली एवं दूसरी के बच्चे बहुत छोटे होते हैं। इसके चलते विद्यालयों में कम संख्या रही। विद्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अभिभावकों से बात करके बच्चों को स्कूल भेजने का निवेदन करें। इसके अलावा सरकार द्वारा निर्धारित नियमों को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वह प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण करेंगी। यदि नियमों को उल्लंघन पाया गया, तो विद्यालय प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।