गुरुग्राम, नगर संवाददाता: कोरोना महामारी में लगभग एक साल के इंतजार के बाद नौनिहाल स्कूलों में पहुंचे तो उनके चेहरों पर खौफ या आशंका नहीं, बल्कि अपने सहपाठियों से मिलने और घरों के बाहर स्कूल के माहौल में फिर से पहुंचने का उत्साह था। 24 फरवरी से तीसरी से पांचवीं कक्षा के के लिए स्कूल खुल गए। पहले दिन अनुमति पत्र लेकर विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचे। स्कूलों के बाहर यूनीफार्म पहने विद्यार्थी और उनके चेहरों की खुशी माहौल में उल्लास घोल रही थी। हालांकि पहले दिन स्कूलों में उपस्थिति मात्र 30 फीसद दर्ज की गई। शिवाजी नगर स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रमुख ओमप्रकाश ने कहा कि पहले दिन तीसरी कक्षा में तीसरी से पांचवीं कक्षा में कुल 160 विद्यार्थियों में से 39 विद्यार्थी ही उपस्थित रहे। राजकीय बाल विद्यालय नंबर वन की मुखिया अनिता ने बताया कि स्कूल में 125 विद्यार्थियों में मात्र 20 विद्यार्थी ही स्कूल पहुंचे। स्कूल प्रमुख और शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक सभी अभिभावकों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में उपस्थिति बढ़ने की संभावना है। बालिका प्राथमिक विद्यालय की प्रमुख विजय कुमारी ने बताया कि सभी मानकों और नियमों का ध्यान में रखते हुए छात्राओं को पढ़ाया गया। पहले दिन स्कूलों में केवल तीन घंटे ही कक्षाएं लगाई गईं। बच्चों ने कहा, स्कूल आकर अच्छा लगा
इस दौरान स्कूल पहुंचे विद्यार्थी अपनी खुशी को छिपा नहीं पा रहे थे। पांचवीं कक्षा की छात्रा नीतू का कहना था कि उन्होंने इतने दिनों बाद स्कूल पहुंचकर बहुत अच्छा लगा। वे काफी समय से सोच रहीं थीं कि जल्दी स्कूल खुले ताकि वे अपने दोस्तों से मिल सकें। दूसरी कक्षा के छात्र प्रदीप को स्कूल जाकर बहुत खुशी हुई। लंबे समय बाद वे दोस्तों और अध्यापकों से मिले और कक्षा में सबके साथ बैठकर पढ़ाई की। छात्रा ज्योति को कहना था कि वे घर में रहते हुए बोर हो गईं थी और चाहती थी कि जल्द स्कूल खुले, उन्होंने माता पिता को मनाया कि वे उन्हें स्कूल जाने दें। छात्र रोहित का कहना था कि स्कूल में लंचबाक्स लेकर जाना, दोस्तों से मिलना और कक्षा में बैठकर अध्यापक से पढ़ना, सब बहुत अच्छा लगा।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी प्रेमलता ने कहा कि पहले दिन स्कूलों में कोविड नियमों का पालन करते हुए सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया। पहले दिन स्कूलों में तीस प्रतिशत विद्यार्थी पहुंचे लेकिन आने वाले समय में जल्द ही संख्या बढ़ने की संभावना है।