नई दिल्ली, नगर सांवाददाता: दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ कथित दुर्व्यवहार के आरोप में दो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मीडिया संस्थानों ने रविवार को आलोचना की। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई (पत्रकारों को हिरासत में लेना) स्वतंत्र रिपोर्ट करने के मीडिया के अधिकार में दखलअंदाजी है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पुनिया और ऑनलाइन न्यूज इंडिया के धर्मेन्द्र सिंह को दिल्ली पुलिस ने कल शाम हिरासत में लिया। सिंह को हालांकि, बाद में छोड़ दिया गया लेकिन पुनिया को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। द इंडियन वूमेन प्रेस कोर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस एसोसिएशन ने पुनिया को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि किसी भी जगह पर अपना काम कर रहे पत्रकार को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। संगठनों ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसी कार्रवाई स्वत्रंत तरीके से रिपोर्ट करने के मीडिया के अधिकारों में हस्तक्षेप है और यह भारत के संविधान द्वारा प्रदत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा प्रेस की स्वतंत्रता में दखलअंदाजी है।’’ उन्होंने कहा कि पुनिया शुरुआत से ही किसान आंदोलन की खबरें दे रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी ‘‘सरकार द्वारा पत्रकारों को अपना काम स्वतंत्रता और निष्पक्षता से करने से रोकने के लिए की गई कार्रवाई का हिस्सा है।’’ संगठनों ने कहा, ‘‘पुनिया युवा पत्रकार हैं जो ‘द कारावां’ और ‘जनपथ’ को खबरें देते हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेते हुए बल प्रयोग किया और पूरी रात उन्हें कहां रखा गया इसकी जानकारी मीडिया के अन्य लोगों को नहीं दी।’’ उन्होंने बताया कि पुनिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की प्रति रविवार की सुबह जारी की गई। उसके अनुसार, पुनिया के खिलाफ भादंसं की 186 (सरकारी कर्मचारी के काम में जानबूझकर बाधा उत्पन्न करना), 353 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी को पीटना या उसके खिलाफ बल प्रयोग), 332 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी को जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 34 (साझा मंशा के तहत किए गए कार्य) धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस ने पहले बताया था कि शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद उन्होंने सीमाओं पर अवरोधक लगा दिए थे ताकि कोई आ-जा ना सके। उनका आरोप है कि पत्रकार सहित कुछ लोगों ने अवरोधकों को हटाने का प्रयास किया और इस क्रम में पत्रकार ने पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर किसानों और खुद को स्थानीय निवासी बताने वाले लोगों के बड़े समूह के बीच झड़प हो गई और उन्होंने एक-दूसरे पर पथराव किया। केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के मुख्य स्थलों में से सिंघू बॉर्डर एक है। दिल्ली पुलिस के एसएचओ (अलीपुर) हिंसा में घायल हो गए। इस सिलसिले में पुलिस ने एसएचओ पर हमला करने वालों सहित कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पत्रकार गिरफ्तार: मीडिया संस्थानों ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना की
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