सभापति वेंकैया नायडू बोले. घबराइए नहीं, सिर्फ एक दिन के लिए

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नई दिल्ली/नगर संवाददाता : राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदस्यों से सदन में अपनी मातृ भाषा में बोलने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह एक पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही तेलुगू भाषा में संचालित करना चाहते हैं।

नायडू ने राज्यसभा के 250वें सत्र के अंतिम दिन अपने समापन वक्तव्य में कहा कि यह इतिहास में पहली हुआ है कि सदन की एक सदस्य अपनी मातृत्व भाषा ‘संथाली’ में बोल पाई हैं। इसका सभी सदस्यों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया तो संथाली आदिवासी समुदाय से बीजू जनता दल की सरोजिनी हैमब्रम ने खड़े होकर और हाथ जोड़कर सभापति और सदन का आभार व्यक्त किया।

नायडू ने कहा कि सभी सदस्यों को अपनी मातृत्व भाषा में बोलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं एक दिन के लिए सदन की कार्यवाही तेलुगू भाषा में चलाना चाहूंगा। इस पर सदन में कई सदस्य मुस्कराए तो सभापति ने कहा कि घबराइए नहीं, यह एक दिन के लिए होगा।

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