रीवा/मध्यप्रदेश, नगर संवाददाता : बाल दिवस बच्चों के अधिकारों एवं उनके समग्र विकास का राष्ट्रीय त्यौहार है। बच्चे आजादी के साथ अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें एवं उनके सपनों को साकार करने में अभिभावकों, शिक्षकों और हम सबको भागीदार बनना चाहिए। बच्चों के अधिकारों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी संपूर्ण समाज की है। बच्चे हमारे राष्ट्र की बहुमूल्य संपदा हैं जो मानवता के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का काम करते हैं। बच्चे राष्ट्र के कर्णधार हैं इसलिए बच्चों को उनके अधिकार मिलना चाहिए।
उक्त विचार रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने व्यक्त किए। वे मुख्य अतिथि के तौर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में बाल दिवस का कार्यक्रम आयोजित में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने की। विशेष अतिथि थे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी कुमार त्रिपाठी, समाजसेवी रमाशंकर सिंह एवं डीपी सिंह।
डॉण् भार्गव ने बच्चों से संवाद स्थापित करते हुए उनके अधिकारों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों का सबसे पहला अधिकार आजादी के साथ जीने का अधिकार है, जो उन्हें मिलना चाहिए। बच्चों को बिना किसी भेदभाव के भरपेट भोजन, पढ़ने, लिखने का मौका, स्वास्थ्य की देखभाल, खेलने-कूदने और मनोरंजन का अधिकार मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों की कल्पना शक्ति बढ़ाने के लिए उन्हें परंपरागत खेलों से भी जोड़ने की जरूरत है। बच्चों के अधिकारों का संरक्षण हो ताकि उन्हें उनके अधिकार सुविधाजनक ढंग से प्राप्त हो सकें। बच्चों को अपनी बात कहने और उनकी बात सुने जाने का भी अधिकार है ताकि किसी तरह की मारपीट, हिंसा, शोषण, लैंगिक अपराध, बाल श्रम जैसी घटनाएं उनके ऊपर घटित न हो सकें।
डॉ. भार्गव ने कहा कि बच्चे खुशबुओं के गुलाब हैं, उन्हें गुलाब की तरह खिलने का मौका मिलना चाहिए। अभिभावक बच्चों की क्षमता का आकलन किए बगैर जबरदस्ती अपने सपने बच्चों पर न थोपें। परीक्षा में प्राप्त किए गए अंक हमारी समग्र योग्यता का मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं। जिस तरह गुलाब कांटों के बीच खिलता है उसी तरह कठिनाइयों से जूझते हुए अपने आप को कामयाब बनाने की कोशिश करें।
कमिश्नर एवं अन्य अतिथियों ने अभिभावकों को प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी का संदेश वितरित किया। इस संदेश को कार्यक्रम में पढ़कर भी सुनाया गया। अतिथियों ने छात्र-छात्राओं को परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शील्ड प्रदान की।