नई दिल्ली/नगर संवाददाताः कृषि मंत्रालय की लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना आसान नहीं होगा। रबी सीजन की फसलों की बुवाई अपने अंतिम चरण में है, लेकिन फसल बीमा कराने की तैयारियां अधूरी है। जिस बीमा पोर्टल पर किसानों को अपनी फसल का ऑनलाइन बीमा करना है, वह अभी तक चालू ही नहीं हो पाया है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार से बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है। चालू रबी सीजन में 40 फीसद बुवाई रकबा फसल बीमा के दायरे में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन मंत्रालय की लेटलतीफी के चलते इसके पूरा होने की उम्मीद नहीं के बराबर है। रबी फसल का बुवाई सीजन एक अक्तूबर से चल रहा है। ज्यादातर बुवाई का काम जनवरी के दूसरे सप्ताह तक पूरा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कृषि मंत्रालय ने पोर्टल पर ही बीमा कराने का प्रावधान किया है। फसल बीमा योजना के तहत बैंक से कर्ज लेने वाले और कर्ज न लेने वाले दोनों तरह के किसानों के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2017 तय की गई है। उधर, कृषि मंत्रालय के अफसरों ने ‘तेजी’ दिखाने के अंदाज में हालांकि बहुत विलंब के साथ 18 दिसंबर को फसल बीमा पोर्टल चालू गया है लेकिन इस पर सिर्फ बैंक के न कर्ज लेने वाले किसान ही बीमा करवा सकते हैं। उनके लिए भी बीमा कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। उन्हें बैंक शाखाओं, कॉमन सर्विस सेंटर और बीमा एजेंटों के मार्फत फसल बीमा पोर्टल पर ऑनलाइन बीमा कराना है। बैंक से कृषि ऋण लेने वाले किसानों के बीमा कराने की लिए फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है। यह हालत 22 दिसंबर 2017 तक थी। इससे हैरान उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने एक पत्र लिखकर केंद्रीय कृषि मंत्रालय के इस रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अंतिम तिथि एक महीने और बढ़ाने की मांग भी की है। शाही ने इस आशय का पत्र कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को लिखा है। बीमा पोर्टल चालू होने में लेटलतीफी होने का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है।
फसल बीमा कराने के लिए पोर्टल नहीं हुआ शुरू, बीमा कराने की डेडलाइन बढ़ाने की मांग
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