नई दिल्ली। ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमाने वाली है। अपने अपमान से नाराज अमर सिंह सोमवार सुबह समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके दिल्ली आवास पर पहुंचे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमर सिंह ने कल कहा था कि मैं अब और अपमान नहीं सह सकता, मैं राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हूं। अमर सिंह आक्रामक नजर आये, उन्होंने कहा मैं किसी का गुलाम नहीं हूं, मैं स्वतंत्र हूं और बेवजह अपमान नहीं सह सकता। अमर सिंह की नाराजगी सपा के लिए एक झटका भी साबित हो सकती है। वहीं, सांसद अमर सिंह ने नोटबंदी का समर्थन किया और मोदी की तरीफ भी की। इसे लेकर पार्टी में उनके खिलाफ आवाज उठने लगी है। उन्होंने कहा कि समर्थन करना मेरा पर्सनल ओपिनियन है। मैं आजाद हूं, गुलाम नहीं। वहीं, सोमवार को वे दिल्ली में मुलायम सिंह के घर मिलने पहुंचे। मुलायम सिंह ने रविवार को एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि मैं उन्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहता था, लेकिन अब अपमान की सहनशीलता की सीमा के स्तर के ऊपर बात हो गई है। पार्टी का अगर व्हिप होगा और अगर मुझे नोटबंदी के खिलाफ वोट नहीं देना होगा, तो मैं राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दूंगा। और अगर मुझे राज्यसभा की सदस्यता से मोह होगा तो मैं नोटबंदी के खिलाफ वोट दूंगा, ताकि मेरी सदस्यता नहीं जाए। नोटबंदी पर यह मेरी व्यक्तिगत राय है। मैं आजाद हूं, किसी का गुलाम नहीं हूं। मैंने यूपी इलेक्शन को देखते हुए नोटबंदी के खिलाफ बयान दिया था। मैं मुलायमजी से मिलूंगा और अपने दर्द को बताऊंगा। समाजवादी पार्टी नोटबंदी के तरीके को लेकर आपत्ति जता रही है और राज्यसभा में पार्टी ने इसका जमकर विरोध किया है। ऐसे में यह समझा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी मोदी सरकार के कालेधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने के अभियान में साथ नहीं दे रही है।
नोटबंदी के समर्थन में अमर सिंह
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